कैट ने लालकिले से प्रधानमंत्री के आव्हान को स्वीकार करते हुए सहयोग देने की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल लालकिले से किये गए विभिन्न आवाहनों का कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है और प्रधानमंत्री द्वारा उठाये गए विभिन्न विषयों पर चर्चा कर उन पर एक देशव्यापी अभियान चलाने के लिए कैट ने देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 29 अगस्त को दिल्ली में बुलाया है ! इसी बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे एक पत्र में कैट ने देश के व्यापारियों के सहयोग का भरोसा देते हुए कहा है की उनके द्वारा दिए गए आव्हान पर व्यापारी पूरी तरह से तुरंत अमल करेंगे !


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है की 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्लास्टिक बैन अभियान का व्यापारी पूर्ण समर्थन करेंगे और इसके लिए देश भर में एक अभियान भी चलाया जाएगा किन्तु  वर्तमान में बड़ी संख्या में लोग प्लास्टिक के विनिर्माण और व्यापार में कार्यरत हैं और लोगों द्वारा इस व्यवसाय में भारी निवेश किया गया है वहीँ बड़ी संख्या में इस व्यापार में लोगों को रोजगार मिला हुआ है  इसलिए यह आवश्यक है की बैन करने से पूर्व उनके व्यापार से संबद्ध कुछ वैकल्पिक व्यवसाय उन्हें उपलब्ध कराए जाएं ताकि वे अपने व्यवसाय और रोजगार से बाहर न हो और उनके निवेश को बचाया जाए। उन्होने यह भी कहा की कुछ वस्तुएं हैं जो अनिवार्य रूप से प्लास्टिक में ही पैक होती हैं  जैसे दूध, डेयरी उत्पाद आदि और इन वस्तुओं के लिए भी एक वैकल्पिक पहचान की आवश्यकता है क्योंकि ये लोगों द्वारा दैनिक उपयोग की वस्तुएं हैं। उन्होंने  सुझाव दिया है कि रोजगार पर प्लास्टिक प्रतिबंध के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों, प्लास्टिक उद्योग और व्यापारियों के प्रतिनिधियों के साथ एक "विशेष कार्य बल" का गठन किया जाए और कार्यबल एक समयबद्ध अवधि में सरकार को वैकल्पिक क़दमों की सिफारिश करें।


श्री खंडेलवाल ने कहा की " डिजिटल को हाँ -नकद को न " अभियान यह भारत को कैशलेस या कम नकदी वाला देश बनाने के लिए सबसे बुनियादी क़दमों में से एक है और कैट पहले से ही देश भर के व्यापारियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने और अपनाने के लिए वर्ष 2014 से इस बारे में एक राष्ट्रीय अभियान चला रहा है जिसके अंतर्गत देश भर के लगभग 25% व्यापारियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने के लिए परिवर्तित किया गया है! प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुसार कैट व्यापारियों को अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में " डिजिटल को हाँ -नकद को ना " का एक बोर्ड लगाने की सलाह देगी! कैट ने यह भी कहा की डिजिटल भुगतान लेनदेन पर लगाया गया बैंक शुल्क, व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों द्वारा डिजिटल भुगतान की स्वीकृति में एक प्रमुख बाधा है । इस दृष्टि से  डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए, बैंक शुल्क को सरकार द्वारा बैंकों को सब्सिडी दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया  कि डिजिटल भुगतान के लिए एक स्वतंत्र नियामक का गठन किया जाए और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से कहा जाए कि वह देशभर में रूपे को बढ़ाने के लिए तेज कदम उठाये ! डिजिटल भुगतान को लेने के लिए  व्यापारियों को प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीने उचित दर पर उपलब्ध कराई जाएँ !


प्रधानमंत्री के लकी कल अभियान का स्वागत करते हुए श्री खंडेलवाल ने कहा की इस अभियान से बड़ी संख्या में शहरों और जिलों में विशिष्ट उत्पाद करने वालों का व्यापार बढ़ेगा ! यह एक ज्ञात तथ्य है कि देश में बड़ी संख्या में शहर / जिले में  अच्छी गुणवत्ता वाले विशिष्ट और अद्वितीय सामान का उत्पादन हो रहा है । ऐसे सामानों के उत्पादन में बड़ी संख्या में कारीगर या तो स्वयं कार्यरत हैं या व्यापारी एवं उद्यमियों के लिए काम करते  हैं। "लकी कल अभियान " उन्हें उनकी कल्पना से परे एक बाजार देगा। इस अभियान को पूरा करने के लिए कैट ने सुझाव दिया है कि इस अभियान पर काम करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और व्यापार संघों के प्रतिनिधियों के साथ संबंधित डीएम या जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में देश के सभी जिलों में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाए।


श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा की आगामी दिवाली से गिफ्ट में कपडे या जूट के थैले देने का प्रधानमंत्री का आव्हान बहुत बुनियादी है और कैट इस अभियान को अपनाने के लिए तथा व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए देश भर में लगभग 40 हजार ट्रेड एसोसिएशंस को सलाह देगा की व्यापारी  इस तरह के बैग को गिफ्ट करने के साथ-साथ अपने ग्राहकों को लागत मूल्य पर यह थैले सामन के साथ दें ! यह निश्चित रूप से देश में प्लास्टिक के उपयोग को कम करेगा।


श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा की प्रधानमंत्री द्वारा " न सरकार का दबाव - न सरकार का अभाव उनके भाषण का मूल सार है जो लोगों के दैनिक जीवन में सरकारी विभागों के हस्तक्षेप को दूर करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की  विशेष रूप से व्यापारिक समुदाय के लोगों के जीवन में की पुष्टि करता है ।इस बारे में कैट ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है की वर्तमान में देश में विभिन्न व्यवसायों के संचालन के लिए लगभग 28 लाइसेंस निर्धारित हैं।इन सभी के स्थान पर  केवल एक लाइसेंस निर्धारित किया जाना चाहिए जिसमें किसी भी नवीकरण की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। कैट ने यह भी कहा की  अब तक केवल 35% व्यापारी ही अपने व्यवसाय के कम्प्यूटरीकरण को अपना पाए हैं ! इस दृष्टि से  बाकी व्यापारियों को कंप्यूटरीकृत करने के लिए, सरकार व्यापारियों को कंप्यूटर और अन्य संबद्ध वस्तुओं की खरीद के लिए पर्याप्त सब्सिडी दे सकती है जो उन्हें पूरी तरह से डिजिटल बना देगा और सरकारी विभाग के साथ इंटरफेस न्यूनतम होगा।