कश्मीर पर मलाला का बेवजह रोना






(देवानंद राय)

इन दिनों मलाला सहित कुछ लोग कश्मीर में मानवाधिकार का रोना रो रहे हैं यह बता रहे हैं कि कश्मीर की हालत ठीक नहीं है वहां पर पाबंदियां हैं लोगों के साथ ज्यदातियां हो रही हैं यह वे लोग कह रहे हैं जिनके मुंह से पूरा देश शहीदों के लिए एक शब्द सुनने को तरस जाता है हमने हजारों की संख्या में अपने सैनिको खोए क्या उनके मानवधिकार नहीं है उनकी विधवाओं का मानवधिकार नहीं होता कश्मीर में 40000 से अधिक लोग मरे  क्या उन लोगों का कोई मानवाधिकार नहीं होता धारा 370 हटाना भले ही भारत का आंतरिक मसला हो पर चंद राजनीतिक दलों ने इसे विरोध की राजनीति बनाकर प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष ढंग से अपने बयानों से पाकिस्तान की सहायता करने में कोई कमी नहीं रखी है आज पाकिस्तान में ही बयानों का सहारा लेकर इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने को खूब उछल कूद मचा रहा है हर मंच पर एक हाथ में भीख का कटोरा और दूसरे हाथ में कश्मीर से 370 हटने का कागज दिखा रहा है अब तो इसमें उसने अपने प्रवासियों को भी उतार दिया है जो आए दिन विदेश में भारतीयों से बदसलूकी कर रहे हैं भारतीय उच्चायोग करांडे पत्थर पर क्या किसी मानव अधिकार संगठन ने कुछ बोला पर पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर भागी मलाला इन दिनों पाकिस्तान पर अपना प्यार उमेड़ रही है मलाला कह रही हैं कि कश्मीर में यूनाइटेड नेशन को दखल देना चाहिए जबकि यूएन बार-बार कह रहा है की कश्मीर उनका एजेंडा है ही नहीं क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है मलाला कहती हैं कि बारह अगस्त को एक लड़की पेपर नहीं देने जा पाई हालत इतनी खराब है। परंतु मलाला को ट्वीट करने से पहले यह जानना चाहिए कि बारह अगस्त को हमारे यहां बकरीद थी यह किस तरह की वाहियात बयान बाजी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है ये कोई साधारण एक्टिविस्ट नहीं कर रहा है एक ऐसी लड़की जिसे नोबेल प्राइज दिया गया है इस तरह के दोहरे चरित्र वाले लोगों का असली चरित्र इस प्रकार खुलेगा किसी भारतीय कल्पना भी नहीं की होगी हम तो मलाला को रोल मॉडल मानते थे। कश्मीर को लेकर दुनिया में रो-रो कर अपनी बुरी हालत बताने पाकिस्तान को यूरोप के 28 देशों के संगठन यूरोपीय संघ ने भी कुछ दिनों पहले जबरदस्त फटकार लगाई यूरोपीय संघ के अधिकतर सदस्य में कह रहे हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना भारत का आंतरिक मसला है साथ ही यह भी कहा कि पूरा कश्मीर भारत का होना चाहिए ओके पर पाकिस्तान का कब्जा है और अनुचित है इस मुद्दे पर पोलैंड के सांसद रिजार्ड ने तो साफ साफ कह दिया कि आतंकी चांद से नहीं आते मतलब पूरा साफ है कि पाकिस्तान ने खुद को भले ही  इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर रखा है पर पूरी दुनिया की नजर में वह आतंकी नर्सरी का राष्ट्र बन चुका है जिससे वह खुद झुठला नहीं पा रहा है उनके प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं उनके यहां आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप चलते थे उन्हें इसमें और सुधार करते हुए यह बोलना चाहिए कि यह कैंप अभी भी चल रहे हैं भारत में उथल-पुथल मचाने के लिए। आए दिन घुसपैठ की कोशिशें बता रही है कि पाकिस्तान किस कदर परेशान है भारत को परेशान ना होता देख इस कारण सीजफायर के सहारे घुसपैठ को बेताब है पाकिस्तान भारत में घुसपैठ कराने के लिए अपनी पाकिस्तानी सेना तथा कमांडोज को एलओसी के सौ मीटर दूरी पर से ही आतंकियों को लांच करने और उनको सहायता करने में पुरजोर कोशिश कर रहा है इस पर कोई मानवाधिकार या कोई एक्टिविस्ट क्यों नहीं बोलता ? इस पर सभी लोग चुप्पी क्यों साध लेते हैं ? मलाला से पूछना चाहता हूँँ इन मुद्दों पर कोई ट्वीट कभी क्यों नहीं किया ? इंटरनेट, टेलीफोन बंद होने का रोना रोने वाले लोग क्या यह बताएंगे इंटरनेट टेलीफोन के बदले अफवाह के सहारे भड़की हिंसा में जान गंवाने वालों की जिम्मेदारी क्या यह मानव अधिकार के कर्ताधर्ता लेंगे ? मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को अगर इंटरनेट और टेलीफोन के इतने हिमायती हैं तो इंटरनेट के माध्यम से फैलने वाले अफवाह के कारण जब लोग सड़कों पर उतर कर भारतीय सेना पर पत्थरबाजी किया करते थे तब किसी एक्टिविस्ट ने यह क्यों नहीं कहा इस प्रकार की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है और यह होनी नहीं चाहिए इंटरनेट का इस तरह अनुचित इस्तेमाल किसी भी सभ्य समाज में उचित नहीं है यह कुछ वैसा ही है जब हम बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित करते हैं तो बॉलीवुड में कुछ सेकुलरिज्म का चोला पहने और पाकिस्तान प्रेमी गैंग के लोग उठ खड़े होते हैं यह कहने के लिए की कला को किसी सीमा में नहीं बांध कर रखा जा सकता परंतु भारत अनुच्छेद 370 के हटने के कुछ ही दिन बाद जब पाकिस्तान ने बॉलीवुड कलाकारों बॉलीवुड की फिल्मों तथा चैनलों पर प्रतिबंध लगाया तो कोई भी पाकिस्तानी प्रेमी गैंग का लोग यह नहीं कह सके कि कला की कोई सीमा नहीं होती और अन्य ज्ञान भरे ट्वीट नहीं किए आखिर इस तरह का दोहरा चरित्र क्यों है मलाला पाकिस्तान से  भागी परंतु आज भी उसके मन में पाकिस्तान के लिए प्रेम है वहीं दूसरी ओर हमारे ही देश के  शरद पवार जैसे नेता जिनको देश में सब कुछ दिया वह आज कह रहे हैं वह आज खुलेआम कह रहे हैं कि पाकिस्तान में उनको बहुत इज्जत मिलती है  पाकिस्तान वैसा नहीं है जैसा भारत प्रचार करता है जैसा भारत कहता है जबकि पूरी दुनिया एक सुर में कह रही है कि आतंकवाद की फैक्ट्री  पाकिस्तान है इन दिनों भारत अपने हर क्षेत्र पर ध्यान दे रहा है यही कारण है कि भारत अब सीमाओं का इतिहास नई तरह से लिखना चाहता है भारत की सीमाएं हजारों किलोमीटर लंबी है जिसमें कई देश जैसे बांग्लादेश नेपाल, भूटान, म्यांमार ,अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश से लगी है वही समुद्री क्षेत्र में भारत की सीमा श्रीलंका, इंडोनेशिया और मालदीव से सटी है पाकिस्तान और चीन के साथ हमेशा सीमा विवाद चलता रहता है इस कारण सीमा की पहचान सीमा पर सुरक्षाबलों के रहने की भूमिका समझने में इस प्रयास से मदद मिलेगी यह रक्षा मंत्रालय की अपने आप में एक नई तरह की पहली परियोजना है उम्मीद है कि उससे अपेक्षित परिणाम अवश्य आएंगे इससे हमारे सुरक्षा बलों तथा गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय नई रणनीति बना कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी पाकिस्तान पहले हमारे राष्ट्रपति और अब हमारे प्रधानमंत्री के लिए एयर स्पेस  ना खोल कर फालतू की मुसीबत मोल ले रहा है अगर हमने अपने दवा और पानी बंद कर दिया तो पाकिस्तान में त्राहि-त्राहि  मच जाएगी यह पाकिस्तान के हुक्मरानों को ध्यान रखनी चाहिए एक और प्रधानमंत्री जहाँँ मोदी जी हाउडी मोदी इवेंट में डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान का दोस्त चीन भी अब प्रधानमंत्री से औपचारिक वार्ता करना चाहता है वार्ता का मुख्य मुद्दा कश्मीर भी होगा यह पाकिस्तान के लिए एक सबक से कम नहीं है पर इसकी उम्मीद कम है कि वह इस प्रकार के हजारों सबक से कुछ सीखेगा क्योंकि उसने तो अपने जन्म से ही भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है हालांकि अब वह जहर से मौत की नींद सुला रहा है। हाल ही में सरकार ने ई-सिगरेट पर बैन लगा दिया है ई-सिगरेट को तकनीकी भाषा में इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम(ईएनडीएस) कहा जाता है सरकार ने इसके उत्पादन, आयात, निर्यात, ढुलाई, बिक्री और विज्ञापन अर्थात सब कुछ पर रोक लगा दिया है कभी भारत में ई सिगरेट धूम्रपान छोड़ने के विकल्प के रूप में पेश की गई थी पर अब ये धूम्रपान से कहीं अधिक हानिकारक सिद्ध हो रही है क्योंकि इसमें निकोटिन की मात्रा अधिक है सरकार को चाहिए कि सिर्फ ई-सिगरेट पर बैन न लगे अन्य सभी सिगरेट पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। सिर्फ सिगरेट के डब्बे पर कैंसर का फोटो बनाकर हम प्रतिवर्ष बढ़ रहा है कैंसर रोगियों की संख्या को कम नहीं कर पाएंगे हमें बिहार की तरह गुटखा पान मसाला या अन्य उत्पाद तंबाकू उत्पाद पर भी  प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता हैयह कार्य अचानक ना होकर अगर चरणबद्ध तरीके से हो तो ज्यादा बेहतर होगा।याद रहे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू का उपभोक्ता है तो वहीं भारत ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी। मलाला से कुछ बातें पूरा देश पूछना चाहता है कि पाकिस्तान में 12.5 मिलियन बच्चे बाल मजदूरी में है क्या इस पर मलाला को कभी मलाल नहीं हुआ, पाकिस्तान में 34% शादियां 16 से 17 वर्ष की आयु में हो जाती है इस पर कोई यूनाइटेड नेशन को दखल देने को क्यों नहीं बोलता ? 21% लड़कियां पाकिस्तान में 18 वर्ष से पूर्व विवाहित हो जाती है यूनाइटेड नेशन खुद कह रहा है कि पाकिस्तान में चाइल्ड मैरिज मेंं पूरी दुनिया में छठा देश है फिर भी कोई एक्टिविस्ट्स पर कुछ नहीं बोलता परंतु कश्मीर के मुद्दे पर पूरे दुनिया मे मैं पहले दोहरे चरित्र वाले एक्टिविस्ट  ट्विटर से लगाए सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल पर अपना रोना रो रहे हैं मलाला को चाहिए कि पाकिस्तान में चाइल्ड मैरिज, लड़कियों के धर्म परिवर्तन, बलूचिस्तान में पाक सेना के अत्याचार पर ट्वीट करें ताकि लगे कि उन्होंने सच में नोबेल प्राइज का मान रखा है।यह देश दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता है कि  कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट बंद होने की पाबंदियां तो दिख रही है परंतु पाकिस्तान में हिंदू जनसंख्या घटना आपको क्यों नहीं दिख रहा है ?पाकिस्तान में खुलेआम धर्म परिवर्तन पर किसी का
 ट्वीट क्यों नहीं दिख रहा ? पाकिस्तान को दुनिया के हर बड़े मंच से मात मिल चुकी है चाहे यूनाइटेड नेशन हो या यूरोपियन यूनियन यहां तक कि चीन भी अब इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ स्पष्ट वार्ता करने को तैयार है पाकिस्तान को समझना चाहिए कि कश्मीर के सहारे चलने वाली उसकी प्रोपेगेंडा की दुकान अब बंद करनी होगी अन्यथा वह जितना चिल्लाएगा दुनिया उसकी उतनी खिल्ली उड़ायेंंगी पाकिस्तान को कश्मीर भूल कर अपने कंगाली पर ध्यान देना चाहिए ।