नगर आयुक्त ने फोर्ड सर्विस स्टेशन के ऊपर लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना









# तीन दिन में जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर 5 हजार रुपये प्रतिदिन विलम्ब शुल्क के रूप में लिया जाएगा

गाजियाबाद। शहर के पर्यावरण को किसी भी तरह से प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं है, बशर्ते कि प्रमाण सहित सारी बातें उनके संज्ञान में कोई लाने वाला हो।क्योंकि मंगलवार को जैसे ही उनके ध्यान में यह तथ्य सोशल मीडिया माध्यमों द्वारा लाया गया कि फोर्ड सर्विस स्टेशन के केमिकल्स व प्लास्टिक अपशिष्ट में आग लग जाने से शहर का पर्यावरण प्रदूषित हुआ है, वैसे ही उन्होंने अपनी टीम भेज कर मामले की जांच करवाई और दोषी पाए जाने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगवाया। यही नहीं, जुर्माना राशि देने में विलम्ब करने पर प्रतिदिन 5 हजार रुपया अतिरिक्त भी जमा करना होगा।

 

बता दें कि नगर आयुक्त को सोमवार को सोशल मीडिया में वायरल एक फोटो दिखाया गया था जिसमें प्रबन्धक, फोर्ड सर्विस स्टेशन, 13/18 साइट-2 मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र, ग़ाज़ियाबाद की कारगुजरियां सामने आई थीं। उनके द्वारा ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन अधिनियम-2016 के अंतर्गत बल्क वेस्ट जनरेटर के दायित्वों का अनुपालन नहीं किया है, और उत्तर प्रदेश प्लास्टिक एवं अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा अधिनियम 2018 व पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्गत नियमावली "प्लास्टिक अपशिष्ट (प्रबंध और प्रहस्तन) नियम-2011" तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम-1986 के नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। क्योंकि फोटो और घटना स्थल पर ली गई तस्वीरों से स्पष्ट है कि कचरा को फूंक दिया गया है, जबकि उसका डिस्पोजल किया जाना चाहिए था नगर निगम के साथ मिकलर।

 

बताया गया है कि जैसे ही यह बात नगर आयुक्त के संज्ञान में आई, उन्होंने बिना समय गंवाए नगर निगम के अधिकारियों का एक दल घटना स्थल की ओर रवाना किया और पूरे मामले की पड़ताल करने के बाद घटना सही पाए जाने पर सम्बन्धित कम्पनी पर एक लाख रुपए का जुर्माना अधिरोपित करते हुए नोटिस निर्गत किया, जिसमें 3 दिवस का समय दिया गया है। अन्यथा की दशा में प्रत्येक कार्य दिवस का अतिरिक्त्त पांच हजार रूपये प्रतिदिन का निर्धारित करते हुए नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जाएगी।