त्योहारी सीजन की दुश्वारियां

( बाल मुकुन्द ओझा)


नवरात्र से दीपावली तक देश में त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। लगभग एक महीने के इस त्योहारी सीजन में एक दर्जन बड़े त्योहार और व्रत आते है जिसमें देशवासी उमंग और उत्साह के साथ शामिल होकर अपनी खुशियों का इजहार करते है। लोकमंगल के इस सीजन में बच्चे से बुजुर्ग तक खुशियां बांटते है। भारत त्योहारों का देश है। त्योहार देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक बुनियाद को मजबूत बनाने और समाज को जोड़ने का काम करते हैं। इस अवधि में लोग अपनी सामर्थ्य के मुताबिक नए कपड़े, जमीन जायदाद सोने चांदी के सामान सहित घरेलू  जरुरत के सामान खरीदते है। गरीब से अमीर तक त्योहारों की खुशियों में खो जाते है।
 वर्तमान समय आर्थिक मंदी और सुस्ती का है। बड़ी कम्पनियां और औद्योगिक संस्थान जहाँ अपने कर्मियों की छंटनी कर आर्थिक मंदी का सामना कर रहे है वहीँ सरकार के स्तर पर लोगों को आर्थिक सहूलियतें दे कर खुशहाली का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। महंगाई अपने उच्चतम शिखर को छू रही है तो विभिन्न कंपनियों की ओर से त्योहारी सीजन में आकर्षक ऑफर के साथ ही छूट प्रदान करने का सिलसिला शुरू हो गया है। त्योहारी सीजन कहीं आहत की पिचकारियां छोड़ रहे है तो कहीं राहत की बौछारें हो रही है। देश के कई राज्य अतिवृष्टि और बाढ़ का सामना कर रहे है तो अनेक राज्यों में खुशहाली की फसलें लहलहा रही है।  हमारे देश में सुख दुःख की बयार एक साथ बहती है जिसमें डूब कर लोग परम पिता परमेश्वर से सुख - चैन और खुशहाली की कामना करते है। अब त्योहारी सीजन शुरू हो गया है तो देशवासी महंगाई की बेरहम मार के बावजूद त्योहारों को हंसी खुशी से मनाने में जुट गए है। आर्थिक मंदी का सामना कर रहे लोग अब महंगाई से भी जूझने लगे है। घर घर में उपयोग में आने वाले प्याज, लहसुन और टमाटर की महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को लगता है फिलहाल कोई सुकूनभरी राहत मिलने वाली नहीं है। नवरात्र का त्योहार शुरू होते ही पूजा में काम आने वाली वस्तुओं  के दाम में जोरदार इजाफा हुआ था। दीपावली तक इनके बढ़े हुए मूल्यों में कमी आने के आसार नहीं है। 
यह त्योहारी सीजन हालाँकि महंगाई की मार से उपभोक्ताओं को राहतभरा नहीं है। त्योहारी  सीजन शुरू होने के साथ ही बाजार और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर ऑफर्स की बहार आ गई है। दुकानदार  और ऑनलाइन कम्पनियाँ जहां इन त्योहारों में आकर्षक ऑफर तथा डिस्काउंट की पेशकश कर ग्राहकों को रिझाने का प्रयास करते हैं, वहीं ग्राहक भी इन आकर्षक ऑफरों का लाभ उठाकर जमकर खरीदारी करते हैं। सरकारी बैंकों सहित कई कम्पनियाँ और निर्माता उपभोक्ताओं को लुभावनी छूट से भी लाभान्वित कर रहे है। त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए ये सेल शुरू हुई है। दुकानदारों ने भी आकर्षित ढंग से दुकानों को सजाना शुरू कर दिया है, ताकि अच्छा व्यापार हो सके। खुदरा व्यापारी ऑनलाइन सेल का विरोध कर रहे है और अपने व्यापार के चैपट होने की दुहाई दे रहे है मगर उपभोक्ता ऑनलाइन व्यापार से खुश नजर आ रहे है। उन्हें बाजार की धकमपेल से छुटकारा मिल रहा है। ऑनलाइन सेल में सामान सस्ता जरूर मिल रहा है मगर उपभोक्ता को सावधानी रखनी पड़ेगी क्योकि ठगी करने वाले गिरोह भी सक्रीय हो गए है। जो भोले भले लोगों को सस्ते माल के चक्कर में फंसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है। ऐसे में लोगों ने सतर्कता नहीं रखी तो सस्ते में माल खरीदना महंगा भी पड़ सकता है।  
त्योहारी सीजन पर पर ग्राहक खरीदारी के लिए सामने आने लगे हैं। इससे बड़े रिटेल चेन, ब्रांड, मॉल और ई-कॉमर्स कंपनियों को काफी राहत मिली है। नवरात्रि, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों के सीजन में देश की सभी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने ग्राहकों के लिए सेल लेकर आई है। आर्थिक मंदी का सामना कर रहीं वाहन निमार्ता कंपनियों ने खरीदारों को लुभाने के लिए भारी छूट और अन्य ऑफर दिए हैं। 
त्योहारी सीजन धोखे और ठगी से अछूते नहीं है। साइबर क्राइम भी चरम पर है। आये दिन लोगों के बैंक खातों से पैसे निकल जाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। चोर उचके भी त्योहारी सीजन का इंतजार करते है।  लोग त्यौहार की खरीददारी में व्यस्त हो जाते है तो ऑनलाइन ठग भी अपनी कारिस्तानी से बाज नहीं आते जिसमें न चाहते भी लोग थोड़े से लालच में आ कर फंस जाते है।  इसलिए कहा जाता है सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।  इसी दुर्घटना से बचने के लिए समझदारी और सजगता की जरुरत है।