मिशनरियों के किए अत्याचारों पर ‘ऑनलाईन चित्रप्रदर्शनी’ का लोकार्पण

गोवा। गोवा  राज्य पोर्तुगीजों की चंगुल से मुक्त होने हेतु वर्ष 1961 का आगमन हुआ।450 वर्ष की लंबी अवधि के पश्‍चात गोवा पोर्तुगीजों की चंगुल से मुक्त तो हुआ; परंतु इस अवधि में गोवा के हिन्दुओं ने जो अत्याचार सहन किए हैं, उनमेें भारतीयों को बहुत-कुछ ज्ञात भी नहीं हैं । पोर्तुगीजों के क्रूरतापूर्ण कार्यकाल में मिशनरियों से राजाज्ञा प्राप्त कर ‘इन्क्विजिशन’ अर्थात धर्मसमीक्षण सभा के नाम पर गोवा की हिन्दू जनता के साथ अमानुषिक अत्याचार किए गए । बलपूर्वक उनका धर्मांतरण कर उन्हें ईसाई बनाया गया, मंदिरों को गिराकर मूर्तियां बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया, आंगन में तुलसी लगाने पर रोक लगाई गई, शिखा रखने पर कर लगाया तथा महिलाओं को गुलाम बनाया गया । इतने भयंकर अत्याचार होने पर भी यह इतिहास किसी पाठ्यक्रम में अंतर्भूत नहीं किया जाता । एक समय परशुरामभूमि के नाम से जानी जानेवाली गोमंतक का परिचय आज ‘गोवा तो भौतिकवाद की भूमि’ बन गई है । उसके कारण प्रसिद्ध फ्रेंच पत्रकार फ्रान्सुआ गोतिए ने गोवा की जनता के साथ हुए अमानुषिक अत्यचारों का, साथ ही उनके संघर्ष और स्वाभिमान के इतिहास से जनता को अवगत कराने हेतु एक प्रदर्शनी तैयार की है ।


यह प्रदर्शनी www.goainquisition.info संकेतस्थल पर उपलब्ध है । 30 मई को सायंकाल 7 बजे ‘गोवा दिवस’ के उपलक्ष्य में इस प्रदर्शनी का ऑनलाईन लोकार्पण समारोह होगा।यह लोकार्पण कार्यक्रम समिति के यू-ट्यूब, फेसबुक और ट्विटर आदि सोशल मीडिया के द्वारा प्रदर्शित होगा । अतः हिन्दू जनजागृति समिति ने यह आवाहन किया है कि गोमंतकियों सहित समस्त भारतीय इसे स्मरणपूर्वक अवश्य देखें ।फ्रान्सुआ गोतिए के ‘FACT’ एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त आयोजन में यह कार्यक्रम किया जा रहा है ।इस कार्यक्रम में फ्रान्सुआ गोतिए भी विशेषरूप से उपस्थित रहेंगे । साथ ही गोवामुक्ति संग्राम के क्रांतिकारी प्रभाकर वैद्य की पुत्री तथा लेखिका शेफाली वैद्य, गोवा के प्रसिद्ध इतिहास विशेषज्ञ प्रा. प्रजल साखरदांडे तथा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे भी इस कार्यक्रम में सहभागी होंगे । इस ऑनलाईन प्रदर्शनी का उद्घाटन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के कर कमलों होगा । इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब के चैनल Youtube.com/HinduJagruti के द्वारा, साथ ही फेसबुक ‘Facebook.com/HinduAdhiveshan’ तथा ट्विटर ‘Twitter.com/HinduJagrutiOrg’ इन सोशल मीडिया से सायंकाल ७ बजे से किया जाएगा ।