चीन से सटी सीमा पर भारत अपने सैनिकों की संख्या कम नहीं कर रहा है: निर्मला सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत वुहान समझौते की भावना के अनुसार सीमा पर शांति बनाए रखेगा लेकिन चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने सैनिकों की संख्या को कम नहीं करेगा. अपने चीनी समकक्ष वेई फेघे के साथ बातचीत के लगभग एक महीने बाद सीतारमण ने कहा कि दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है कि वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में किये गए व्यापक निर्णय से सीमा प्रबंधन नियंत्रित होना चाहिए, यह पछे जाने नैन ने पर कि क्या भारत अब भी सैनिकों को तैनात रखे। हए है और वहान की भावना के बावजद उसमें । बिमल है। कमी नहीं ला रहा है तो उन्होंने कहा, बिल्कुल.'' उ मोनन में मोदी और शी ने संबंधों में एक नया अध्याय शरू करने का संकल्प लिया और अपनी सेनाओं को लगभग 3,500 किमी लंबी चीन-भारत सीमा पर समन्वय को बढ़ाने का निर्देश दिया. परमाणु हथियारों से संपन्न दोनों देशों के बीच डोकलाम में सैन्य गतिरोध पैदा होने के कुछ ही महीने बाद यह संकल्प लिया गया था. यह पूछे जाने पर कि यह संकल्प लिया गया था. यह पूछे जाने पर कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए दोनों सेनाओं को सामरिक दिशा-निर्देश जारी करने का मोदी मोदी और शी का निर्णय क्या काम कर रहा है तो है तो उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि यह काम कर रहा है, साथ ही उन्होंने कहा कि देश के रक्षा मंत्री के रूप में वह इस तथ्य से अवगत हैं कि उन्हें सीमा प्रहरियों को सतर्क रखना होगा. भारत के अपनी पश्चिमी सीमा से अपनी उत्तरी सीमा पर ध्यान पश्चि केंद्रित करने का समय आ जाने के बारे में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के इस साल के प्रमुख जनरल बिपिन रावत के इस साल के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं एक सीमा की कीमत पर यह नहीं कह सकती कि मैं दूसरी सीमा पर अधिक सतर्क और तैयार रहूंगी. सीमा, सीमा है. मुझे अपनी दोनों सीमाओं के बारे में सचेत रहना होगा. '' उन्होंने कहा, मुझे अपने सागरों के बारे में भी सचेत रहना होगा. इस बारे में कम चर्चा होती है.'' पिछले महीने सीतारमण और उनके चीनी समकक्ष वेई ने यहां व्यापक वार्ता की थी, जिसमें उन्होंने रक्षा सहयोग पर एक नये द्विपक्षीय समझौते को ठोस रूप देने की दिशा में काम करने का फैसला किया और डोकलाम जैसे गतिरोध से बचने के लिए विभिन्न स्तरों पर अपनी सेनाओं के बीच माननीया सीतारमण ने कहा कि यह भावना है. जिम्मे चीनी  सीमाओं को नियंत्रित करना होगा. चीनी मंत्री ने वहान भावना का दो से अधिक बार उल्लेख किया और कहा कि हम उम्मीद करते हैं  कि  यह भावना हर चीज को नियंत्रित करेगी.