केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से गठबंधन की स्थिति में टूट जाएगी कांग्रेस पार्टी

कहा जा रहा है कि अन्य राज्यों की तरह कांग्रेस का एक धड़ा दिल्ली में भी गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन वर्तमान दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन इसके पक्ष में नहीं हैं।


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षपद से अजय माकन के इस्तीफे की चर्चा के बीच आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चा भी फिर से शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि अन्य राज्यों की तरह कांग्रेस का एक धड़ा दिल्ली में भी गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन माकन इसके पक्ष में नहीं हैं। इसी कारण कुछ कांग्रेसी नेता बीच-बीच में प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की फलाट को बल देते हैं। राजनीतिक जानकारों का कटना है कि अभी तो दिल्ली में कांग्रेस केवल सत्ता से बाहर है लेकिन  गठबंधन हुआ तो उसका बिखरना भी तय है। गठबंधन का फायदा केवल आप को ही होगा, उसका वोट बैंक कटने से बच जाएगा। आज की तारीख में कांग्रेस दिल्ली में एकजुट होकर दोबारा खड़े होने की हर संभव कोशिश कर रही है। पार्टी की सक्रियता से कार्यकर्ताओं का खोया आत्मविश्वास भी लौट रहा है। पार्टी के कद्दावर नेता मुकेश शर्मा के सीलिंग विरोधी अभियान से इधर- उधर बटे नेता भी अब साथ आ रहे हैं। कांग्रेस की हर रैली में हजारों की भीड़ जुट रही है। ऐसे में आप से गठबंधन कर कांग्रेस को ही नुकसान होगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो गठबंधन की चर्चा के पीछे कांग्रेस के ही कुछ ऐसे नेता हैं जो निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए आप का सहारा लेना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि दोनों पार्टियों को मतदाता एक ही है। अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा को फायदा मिलेगा, जबकि साथ लड़ने पर वोट बैंक नहीं बंटेगा, लेकिन पार्टी को इससे कितनी हानि होगी, इस बात का ऐसे नेताओं को इल्म ही नहीं है। बढ़ रहा है कांग्रेस का ग्राफ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि यह सही है कि 2014 और 2015 में कांग्रेस के खिलाफ लहर थी, इसलिए आप को बहुमत मिल गया, लेकिन अब ऐसा नहीं है। कांग्रेस का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दिल्ली के लोगसरकार के कार्यकाल की तुलना शीला दीक्षित के विकास कार्यों से कर रहे हैं। इसीलिए कांग्रेस का मत फीसद नौ से बढ़कर 22 हो गया है, जबकि आप  का 56 से घटकर 26 पर आ गया है।