चार सीसी कैमरे खोल सकते हैं विवेक की हत्या का राज

घटना स्थल के सामने उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ परिसर में कुल छह कैमरे लगे हैं। इनमें दो स्टिल और चार ड्रोन कैमरे हैं। अलग-अलग स्थानों पर लगे विभाग के चार कैमरों पर पुलिस की नजर टिकी है। सना और आरोपित सिपाही प्रशांत के बयानों में उलझी पुलिस इन कैमरों के जरिए वास्तविकता से पर्दा उठाने की संभावना तलाश रही है। प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच कर रहे एससीएम चार सोमवार दोपहर में यपी राज्य निर्माण सहकारी संघ (पैकफेड) के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्र भी मौजद थे। एसीएम ने कैमरे के बारे में जानकारी जटाने के साथ ही आसपास के लोगों से घटना के बारे में पूछताछ की। एसीएम चार ने बताया कि स्थानीय लोगों के बयान लिए गए हैं। घटना के वक्त सना के अलावा दूसरा कोई चश्मदीद अभी तक नहीं मिल पाया है। अगर किसी व्यक्ति के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई भी जानकारी है तो वह मुझे अवगत करा सकता है। पैकफेड के अधिकारियों का कहना है कि अगर लिखित में एसआइटी उनसे फुटेज मांगती है तो उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग के जनरल मैनेजर एसआरके राव ने बताया कि प्रकरण गंभीर है और बिना आधिकारिक निर्देश के फुटेज किसी को दिया नहीं जा सकता। वहीं भवन के सुरक्षा अधिकारी होमगार्ड्स विभाग के हेड कांस्टेबल सतीश ने बताया कि बिल्डिंग के नौवें तल पर तकनीकी रूम है, जहां सभी वीडियो संकलित होते हैं। बिल्डिंग के चारों कोनों पर ड्रोन कैमरे लगे हैं। कैमरा नंबर एक और दो । मुख्य गेट पर स्टिल कैमरा लगा है, जो घटना स्थल से करीब 15 मीटर दूर है। यह कैमरा सड़क के दूसरे लेन को कवर करता है। वहीं मुख्य गेट से थोड़ा भीतर बिल्डिंग के कोने पर एक ड्रोन कैमरा ऊंचाई पर लगा है। सना ने बयान दिया था कि आरोपित पुलिसकर्मी कार के सामने से आए थे और बाइक आगे लगा दी थी। इस कैमरे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि पुलिसकर्मी उल्टी दिशा से आकर बाइक को कार के सामने खड़ा मन खड़ा किए थे या फिर पीछा कर रहे थे। दफ्तर के निकास द्वार पर लगे स्टिल कैमरे की पहुंच दूर तक है। इस कैमरे में गोली लगने के बाद गाड़ी लेकर भागते समय विवेक की स्थिति का आंकलन लगाया जा सकेगा।