देश के 46वें चीफ जस्टिस बने रंजन गोगोई, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई शपथ

 नए चीफ जस्टिस गोगोई का आदेश फांसी जैसे मामलों में ही होगी तत्काल सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पद संभालते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने केसों की तत्काल सुनवाई का नियम तय कर दिया। उन्होंने कहा- कोई फांसी पर चढ़ने वाला है या किसी को उसके घर से बेदखल कर दिया गया है तो ऐसे ही मामलों में तत्काल सुनवाई होगी। अजेंट मैटर का मतलब अर्जेट मैटर ही होना चाहिए। जस्टिस गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें चीफ जस्टिस पद की शपथ ली। पहले दिन के अपने आदेश में उन्होंने कहा- मॅशनिंग के लिए पहले याचिका दायर करनी होगी। बहुत जरूरी मामले ही मेंशन किए जाएंगे। अभी सुप्रीम कोर्ट में हर दिन शनिंग के लिए 20 मिनट का वक्त तय है। जनहित याचिकाओं की खुद सुनवाई करेंगे चीफ जस्टिस चीफ जस्टिस ने जजों के काम के बंटवारे का नया रोस्टर भी जारी कर दिया। चीफ जस्टिस खुद जनहित, चुनाव, कोर्ट की अवमानना, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले और संवैधानिक पदों पर नियुक्ति से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे। जस्टिस एमबी लोकुर की बेंच उन्हीं जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जो चीफ जस्टिस उनके पास भेजेंगे। बधाई देने पर वकील को नसीहत । सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही एक वकील ने नए चीफ जस्टिस को  कैप्टन ऑफ ज्यूडिशियरी कहकर बधाई दी।