मुंगेर : फिर बरामद हुईं एके-47 की मैगजीन व पार्टस

मुंगेर। मुंगेर पुलिस ने मिशन एके-47 के तहत सोमवार की देर रात मिर्जापुर बरदह गांव स्थित कुख्यात हथियार तस्कर मंजर खान उर्फ मंजी के घर के आंगन स्थित कुएं से भारी मात्रा में एके-47 का पार्ट बरामद किये. इस छापेमारी में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि मंजी पहले ही पूरे परिवार के साथ अंडर ग्राउंड हो गया है. तीन दिनों के अंदर यह दुसरा मौका है, जब इतनी संख्या में एके- 47 के पार्टी मिले हैं, एसपी बाबू राम का मानना है कि एके-47 भरोसेमंद हथियार है, इसकी कॉपी करना मुश्किल है. लेकिन पार्ट्स मुहैया होने निकाला पर इसे मूर्तरूप दिया जा सकता है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 14 सितंबर को मिर्जापुर बरदह निवासी आमना खातून की निशानदेही पर दो एके-47 हथियार की बरामदगी जमीन के अंदर से हुई थी, जिसे मंजी ने ही लुकमान को छिपाने के लिए दिया था. जिसे लुकमान ने भाई की पत्नी आमना खातून को दिया था. पुलिस ने सोमवार की दोपहर आमना खातून से पूछताछ की. उसने पुलिस को बताया कि मंजी की पत्नी शबनम सुलताना ने घर के आंगन स्थित कुएं में छिपा कर रखा है. एएसपी हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में सोमवार की देर रात मंजी के घर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. गोताखोर के माध्यम से कुआं से एक सफेद बोरा निकाला गया, जिसमें एके-47 के पार्ट थे. पुलिस ने बोरे से 15 मैगजीन, 11 पिस्टल ग्रिप, 3 ब्रिज हुईं एके-47 की वोल्ट, 4 गैस ट्यूब, 9 बॉडी कवर, 2 पिस्टन राउंड स्प्रिंग एवं 36 गार्ड हैंड अपर बरामद किया. एसपी ने बताया कि बरामद पार्ट को जबलपुर आयुध कारखाना से गायब कर यहां लाया गया था. बरामद पार्ट मिलने से यह लगता है कि ये लोग भारी मात्रा में पार्ट भी वहां से लाये हैं और सभी पार्ट को एसेंबल कर नया हथियार बनाने की फिराक में थे. वैसे पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. उन्होंने बताया कि घर में कोई सदस्य नहीं था, क्योंकि वह पूरे परिवार के साथ गांव छोड़ कर फरार हो गया है. छापेमारी में एएसपी हरिशंकर कुमार, मुफस्सिल सर्किल इंसपेक्टर बिंदेश्वरी यादव, थानाध्यक्ष मिंटू सिंह, नयारामनगर थानाध्यक्ष श्रीराम चौधरी, वासुदेवपुर ओपी प्रभारी की मैगजीन व पार्टस सर्वजीत सहित अन्य शामिल थे. जबलपुर सीओडी से एके-47 और उसके पुर्जे निकाले जाने के मामले में जांच टीम को बड़ी जानकारी हाथ लगी है. जांच में जुटी पुलिस को कई सवालों के जवाब भी मिल गये हैं. दरअसल मुंगेर से जो अब तक 20 एके-47 मिले हैं, उनका आर्सलर नंबर पढ़ना मुश्किल हो रहा था. किसी असलहे पर अधूरा नंबर दिख रहा है, तो कुछ पर बिल्कुल नहीं दिख रहा है. इससे यह साबित करना मुश्किल हो रहा था कि बरामद एके- 47 सीओडी से निकाले गये हैं या फिर मुंगेर निर्मित लोकल हथियार हैं. लेकिन एमपी के रीवा से पकड़े गये जबलपुर सीओडी के रिटायर्ड आर्मोरर पुरुषोत्तम के खुलासे ने सबको चौंका दिया है. पुरुषोत्तम ने टीमेल की भी टीम होगी. दोनों बताया कि जब वह सीओडी से पार्ट्स निकाल कर अपने घर पर एके-47 बनाता था, तो आर्सलर नंबर को छिपाने के लिए नंबर पर फेविक्विक लगा कर ब्लैक पेंट चढ़ा देता था. इससे आर्सलर नंबर नहीं दिखता था. इसमें क्राइम ब्रांच के एएसपी शिवेश सिंह बघेल अपनी टीम के साथ आयेंगे. इनके साथ एफएसएल की भी टीम होगी. दोनों टीमें मुंगेर के बरदह से बरामद असलहों पर आर्सलर नंबर की पहचान को बारीकी से खोजेंगी. इसके बाद जबलपुर सीओडी से । मिलान करेगी. बरदह से बरामद स्पेयर पार्ट्स की भी जांच की जायेगी. भारी मात्रा में मिले स्पेयर्स पार्ट से भी कुछ सबूत मिलने की उम्मीद है।