रूस के साथ S-400 मिसाइल समझौते से पहले अमेरिका ने दी चेतावनी

वॉशिंगटन। अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी तरह के महत्वपूर्ण खरीद फरोख्त के समझौते की दिशा में बढ़ने से आगाह किया है। और संकेत दिया है कि ऐसे मामले में वह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है। अमेरिका की यह चेतावनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले आयी है जिसमें दोनों देशों के बीच हथियार प्रणालियों का बड़ा समझौता होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। भारत रूस से उसकी एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली। अमेरिका का कहना है कि रूस के साथ एस- 400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता रूस के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता माना जाएगा। अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है। अमेरिकी सरकार ' अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम' (सीएएटीएसए) के तत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन' करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है। इस अधिनियम के तहत अमेरिका प्रतिबंधित देशों, खास कर रूस के तेल एवं गैस उद्योग, रक्षा एवं सुरक्षा उद्योग और वित्तीय संस्थान उद्योग से जुड़े हितों को लक्ष्य पर रखता है। अमेरिका ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप और यूक्रेन में उसके सैन्य हस्तक्षेप की पृष्ठभूमि में यह अधिनियम लागू किया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा, ‘हम अपने सभी सहयोगी और साझेदारों से अनुरोध करते हैं कि वह रूस के साथ किसी तरह के लेनदेन से बचें ताकि उन पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध नहीं लगाना पड़े।' भारत के रूस से एस-400 प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली को खरीदने की योजना के बारे में सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने संकेत दिया है कि सीएएटीएसए की धारा 231 लगाए जाने के मामले में मुख्य ध्यान क्षमता में नया या गुणात्मक उन्नयन को देखा जाता है इसमें एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली भी शामिल है।