भीमा कोरेगांव हिंसाः पुणे पुलिस ने सुधा भारद्वाज को फिर गिरफ्तार किया

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा और एल्गार परिषद सम्मेलन मामले में वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को पुलिस ने एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, पुणे पुलिस सुधा का मेडिकल कराने के बाद उन्हें एयरपोर्ट लेकर जाएगी. भारद्वाज को सूरजकुंड (फरीदाबाद) स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया. कल पणे पुलिस ने वर्नन एस गोंजाल्विस और अरुण टी फरेरा को हिरासत में लिया था. । सुधा के वकील के मुताबिक, शुक्रवार को सुधा की हाउस अरेस्ट की अवधि खत्म हो गई थी. पुणे कोर्ट ने सुधा की जमानत  याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद पुणे पुलिस शुक्रवार रात को सधा के घर पहुची, जहां से उन्होंने सुधा को अपनी हिरासत में ले लिया. अब उन्हें पुलिस पूणे कोर्ट में पेश करेगी. 28 अगस्त को पुणे पुलिस ने सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया था. कार्रवाई के दौरान साइबर एक्सपर्ट की टीम भी थी, जिन्होंने सुधा और उनके परिजनों के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसी सोशल साइट्स को कथित तौर पर खंगाले थे साथ ही पुलिस घर से एक पैन ड्राइव, दो मोबाइल फोन, एक मॉडम, एक राउटर, लैपटॉप, बैंक अकाउंट संबंधी दस्तावेज, आईटी फार्म-16, कुछ पत्रिकाएं और डायरियों को जब्त किया था. सुधा पर नक्सलियों से संबंध रखने का आरोप है. इस मामले में आज सुधा के दोस्त मुक्तऔर पी. वरवर को उन पर लगे सारे आरोप को बेबुनियादी बताते हुए कहा कि पुलिस गलत ढंग से फंसा रही है. सुधा के घर के बाहर, सुधा वी आर विथ यू के पोस्टर भी लगाए गए हैं. भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के सिलसिले में पुणे पुलिस ने 28 अगस्त को छापेमारी करके भारद्वाज, गोंजाल्विस, फरेरा, गौतम नवलखा (अब मुक्त) और पी. वरवर राव (वर्तमान में हैदराबाद में नजरबंद) को गिरफ्तार किया था. पिछले साल 31 दिसंबर को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन के बाद ही कथित तौर पर भीमा-कोरेगांव हिंसा भड़की थी ।