तेल का आयात घटाने के लिए सरकार ने बनाई ये योजना देश में लगेंगे 5000 प्लांट

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सोमवार को कहा कि देश में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले पांच साल में देश भर में लगभग 5000 बॉयोगैस प्लांट लगाए जाएंगे. इस बॉयोगैस का उत्पादन कृषि अवशेष , गाय के गोबर और शहरों से निकलने वाले कचरे से तैयार किया जायेगा । प्लांट लगाने के लिए लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकारी तेल कंपनियां इन प्लांटों से पैदा होने। व । ल । बॉयोगैस को 46 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेंगी. उन्होंने कहा कि इन प्लाटों से बनने वाली बॉयोगैस के चलते देश के तेल आयात में काफी कमी आएगी. देश की जरूरत का 81 फीसदी तेल आयात होता है। वर्तमान समय में देश की जरूरत का 81 फीसदी तेल आयात किया जाता है. वहीं सरकार की ओर से ऊजो जरूरतों को पूरा करने के लिए बॉयोगैस बनाए जाने से तेल के आयात में कमी आने की संभावना है. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हमने देश में बायोगैस के उत्पादन के लिए कई । कंपनियों से E&pression of Interest मांगा है. तेल कंपनियां इस गैस का प्रयोग ट्रांस्पोटेशन के लिए कर सकती हैं. बॉयोगैस का प्रयोग सीएनजी की जगह पर किया जा सकता है. फिलहाल सीएनजी का । प्रयोग बसों, कॉरों व ऑटो में हो रहा है. वर्तमान समय में देश में 146 मिलियन क्युबिक मीटर सीएनजी का प्रयोग हो रहा है, इस गैस का 56 फीसदी आयात किया जाता है. कचरे से 62 मिलियन टन बॉयोगैस बनने का अनुमान पेटोलियम मंत्री ने बताया कि देश में कचरे से 62 मिलियन टन कोर्ट का कान बॉयोगैस का उत्पादन होने की क्षमता है.उन्होंने बताया कि देश में 5000 बॉयोगैस प्लांट लगने से देश में लगभग 75000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि जहां बॉयोगैस प्लांट लगाने में लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा वहीं लगभग 70000 करोड़ रुपये का निवेश शहरों में गैस डिस्ट्रीब्यूशन । सिस्टम तैयार में खर्च होंगे. ने । नेटवर्क 86 शहरों में तैयार किया जाएगा. इन नेटवर्क के तैयार होने से सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. वर्तमान समय में देश में कुल 1500 सीएनजी स्टेशन हैं अगले पांच साल में इनकी संख्या बढ़ कर 10000 होने की संभावना है.