विवेक हत्याकांड पर बोले डीजीपी पुलिसकर्मियों में पेशेवर प्रशिक्षण की कमी जिम्मेदार

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने लखनऊ में एक कांस्टेबल द्वारा एप्पव कंपनी के अधिकारी की गोली मारकर हत्या किए जाने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सिपाहियों के लिए ‘रीफेशर कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है। सिंह ने विशेष बातचीत में कहा कि बीते शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर में 'एप्पल' कंपनी के अधिकारी विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी दोनों पुलिसकर्मी राज्य पुलिस के कोई ब्रांड एम्बेसडर नहीं हैं। हम 'ट्रिगर हैप्पी नहीं बल्कि लोगों के मित्र हैं। ‘टिगर हैप्पी' से आशय मामूली उकसावे पर भी हिंसक प्रतिक्रिया करने और गोली चलाने से है। उन्होंने विवेक तिवारी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि किसी निहत्थे को गोली मारने का क्या औचित्य है? आरोपी सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को गिरफ्तार और बर्खास्त किया जा  चका है। पलिस बल में शामिल कुछ लोगों की ऐसी हरकत से पूरे महकमे की कार्य संस्कति का अंदाजा नहीं लगाया जाना चाहिए। डीजीपी ने ऐसी घटनाओं के लिए पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि 2013 से 2017 के बीच भर्ती किए गए सिपाहियों के लिए रीफेशर कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि रीफेशर कोर्स 8 अक्टूबर को लखनऊ में शुरू होगा और इसे पूरे 2 के बी किए गए उनमें आम लोगों से कैसे बर्ताव करना चाहिए, इस पक्ष पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सिंह ने कहा कि वर्ष 2013 में भर्ती सिपाहियों को तीन चरण में प्रशिक्षण दिया गया था। पहले चरण में 20166, दूसरे चरण में 15814 और तीसरे चरण में 3798 सिपाहियों को प्रशिक्षित किया गया। विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी सिपाहियों की मदद के लिए साथी पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर अभियान चलाने और चंदा एकत्र किए जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखें। अफसरों से कहा गया है कि वे सिपाहियों को घटना की वास्तविकता से अवगत कराएं। पिछले शनिवार को कथित रूप से गाड़ी नहीं रोकने पर कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने एप्पल कंपनी के अधिकारी विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से प्रदेश की पुलिस कड़ी आलोचना का सामना कर रही है।