अब बिल्डिंग बायलॉज-2016 के हिसाब से बनेंगे मकान, सेटबैक होगा निर्धारित




                         गाजियाबाद। जीडीए को अब भूखण्डों में बनने वाले मकानों के लिए सेटबैक की याद आई है, जबकि सैकड़ों कॉलोनियों में हजारों मकान बिना सेटबैक छोड़े ही बन चुके हैं जिससे तीन तरफ से प्राकृतिक हवा और रोशनी की किल्लत भी झेल रहे हैं। खैर, जब जागा तभी सबेरा वाली कहावत को चरितार्थ करने के लिए जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा बधाई की पात्र हैं। क्योंकि उन्होंने सेटबैक छोड़ने की दिशा में आवश्यक कदम उठाया है और बिल्डिंग बायलॉज- 2016 के तहत ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की सीमा क्षेत्र में भवनों का निर्माण करवाने का फैसला किया है।जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा के मुताबिक, अब भवनों का सेटबैक भी निर्धारित होगा, जिसमें भविष्य में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। इस बाबत जीडीए आगामी 30 नवंबर को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में इस आशय का प्रस्ताव भी रखेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में भवनों के निर्माण से संबंधित जीडीए यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाने जा रहा हैं, ताकि बिल्डिंग बॉयलॉज- 2016 के मानक के अनुसार आगे भवनों का निर्माण सम्भव हो सके।जानकारों का कहना है कि अमूमन बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव की वजह से किसी तय मानक के अनुरूप भवन निर्माण कार्य नहीं हो पाता है। जिससे भविष्य में कई तरह की परेशानियां भी पैदा होती हैं। इसलिए अब मकानों में छोड़े जाने वाले सेट बैक को भी निर्धारित किया जाएगा, जिसमें फ्रंट सेटबैक में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है, बल्कि भूखंड के क्षेत्रफल के हिसाब से ही अन्य दिशाओं का सेटबैक निर्धारित होगा। जीडीए अपने प्रस्ताव में इस आंकड़े को भी रखेगा कि किस भूखंड में कितना सेटबैक छोड़ना होगा।दरअसल, भूखंड निर्माण के समय क्षेत्रफल के हिसाब से भवन के आसपास खाली जगह छोड़नी होती है, जिसे सेटबैक कहते हैं। इससे भविष्य में मकान के आसपास किसी तरह की खुदाई करने के काम में दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा, सेटबैक होने से गैस पाइप, सीवर पाइप, पानी लाइन को डालने और मरम्मत करने में भी परेशानी नहीं होगी।जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा का कहना है कि जीडीए बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। अगर इस पर मुहर लगती है तो नई योजनाओं और निर्मित होने वाले भवनों में यह लागू होगा। हालांकि वर्ष- 2016 से पहले के निर्मित भवनों में उस वक्त का बायलॉज लागू होगा। बहरहाल, मानकों के अनुसार ही सेटबैक लागू होगा। बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास होने के बाद ही इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा।