बुनकर मार्ट के अलावा एक कमर्शियल हब भी मिलेगा मधुबन-बापूधाम को




गाजियाबाद। जनपद को मधुबन-बापूधाम योजना के रूप में एक नया उभरता हुआ पेशेवर और रिहायशी डेस्टिनेशन मिल रहा है जो लगातार विकसित हो रहा है। इसका सारा श्रेय गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को है। खबर है कि जीडीए अब राजनगर डिस्ट्रिक सेंटर (आरडीसी) जैसे कॉमर्शियल क्षेत्र की तर्ज पर मधुबन-बापूधाम एरिया को भी डेवलप करेगा। क्योंकि इस योजना में निमार्णाधीन बुनकर मार्ट भी मार्च- 2019 में बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे जीडीए के अरमानों को पंख लग जाएंगे। बता दें कि मधुबन-बापूधाम योजना में किसानों की 281 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया है। जिसके बाद जीडीए ने भी यहां पर बुनकर मार्ट के अलावा एक लोकप्रिय कॉमर्शियल क्षेत्र विकसित करने का खाका खींच दिया हैं।जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा का कहना है कि बुनकर मार्ट कंप्लीट होने के बाद सभी राज्यों को पत्र लिखकर बुनकरों की उपलब्धता की जानकारी मांगी जाएंगी, ताकि उनके सतत सम्पर्क में रहा जा सके। क्योंकि दिल्ली हॉट की तर्ज पर ही जीडीए बुनकर मार्ट में मेले का आयोजन करेगा। यही वजह है कि जब बुनकरों से सम्पर्क साधा जाएगा तो इस बात का पता लग सकेगा कि किस महीने में ऐसा आयोजन किया जाना बेहतर रहेगा। ताकि मेले में अधिक से अधिक राज्यों के लोगों को यहां पर आमंत्रित किया जा सके। इसलिए बेहतर आयोजन चलता रहेगा।बता दें कि जीडीए का यह बुनकर मार्ट 233.80 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाना था। लेकिन, पूर्व में मेरठ मंडल कमिश्नर ने इसके प्लान में बदलाव लाते हुए म्यूजियम और होटल के डिजाइन को खत्म करवाया था। इसलिए तकरीबन 10 माह तक कार्य बंद रहा। उसके बाद जीडीए ने अब यहां पर फूड कोर्ट, दुकानें, बुनकर मार्ट आवासीय एरिया और सकुर्लेशन एरिया को भी कम दिया। दरअसल, पहले 2773 वर्गमीटर में बनने वाले ऑडिटोरियम और कन्वेंशन हॉल को अब 13,740 वर्गमीटर में बनाया जाएगा, वहीं 1740 वर्गमीटर में बनने वाले एक्सपो मॉल को अब तीन गुना बड़ा कर 6080 वर्गमीटर में बनाया जाएगा।इस सम्बंध में जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा का कहना है कि इस नए प्लान से 68 फीसद आय होने की संभावना हैं। अब बुनकर मार्ट में कोई सब्सिडी देने की जरूरत नहीं होगी। वह खुद ही खर्च के बराबर आय करेगा। इस बुनकर मार्ट की निर्माण लागत अब 233.80 करोड़ रुपए है। इसका निर्माण पूर्ण होने के बाद 12 साल में ही इसकी सम्पूर्ण लागत वसूल हो जाएगी। फिर, सालाना करीब 4 करोड़ रुपए का लाभ होगा। जो 12 साल में  बढ़कर लगभग 26 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा। इसकी प्रत्येक साल आय भी बढ़ेगी।उन्होंने आगे बताया कि मधुबन-बापूधाम में आरडीसी जैसा कॉमर्शियल क्षेत्र बनाने के लिए, जहां बहुमंजिला फ्लैट बने हैं, उसके आसपास का क्षेत्र ही विकसित किया जाएगा। ताकि लोगों को सामान खरीदने के लिए बाहर न जाना पड़े। यहां पर करीब 400 छोटी-बड़ी दुकानें बनाने की जीडीए की योजना है। साथ ही, मॉल के लिए भी जगह होगी। यहां पर आरडीसी से ज्यादा चौड़ी सड़कें, स्कूल और हॉस्पिटल की शाखा खुलें, इसकी भी प्लानिंग की जा रही है।उल्लेखनीय है कि यहां पर फिलवक्त 11,680 एचआईजी, एमआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस फ्लैट बने हुए हैं। जिसमें से लगभग 8000 फ्लैट अबतक नहीं बिक पाए हैं। हालांकि अब जमीन का अधिग्रहण होने से रोड, पेट्रोल पंप, पार्क, सीवरेज, ड्रेनेज आदि विकसित किए जाएंगे। जिसपर करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च करने की जीडीए ने योजना बनाई है। इससे स्पष्ट है कि गाजियाबाद में निकट भविष्य में एक और व्यावसायिक और रिहायशी डेस्टिनेशन गाजियाबाद को मिल जाएगा। इससे आसपास की प्रोपर्टी में छाई मंदी भी दूर हो जाएगी।