घर लौटने को तैयार लालू के लाल, लेकिन रखी ये बड़ी शर्त

है। पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव घर लौट सकते हैं, अगर उनकी बात मान ली जाए। अभी वे हरिद्वार में हैं। उन्होंने माना कि कृष्ण अर्जुन से नाराज नहीं हैं, लेकिन एक दुर्योधन है जो अर्जुन व कृष्ण के बीच में आ गया अभी भी जारी है तलाक की जिद एक निजी चैनल से बातचीत में तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनकी छोटी सी बात अगर माता-पिता मान लें तो वे घर लौट आएंगे। मेरी बात मानने के लिए कोई तैयार नहीं है। तेज प्रताप ने कहा कि उन्होंने तलाक की जो अर्जी फाइल की है, उसपर परिवार साथ दे। वे पत्नी ऐश्वर्या की मीठी-मीठी बातों में आने वाले नहीं हैं। हद पार कर गए थे लड़ाई- झगड़े तेज प्रताप ने कहा कि परिवार में लड़ाई-झगड़े हद पार कर गए थे। वह (पत्नी) मेरे लिए गंदे शब्द बोलती थी। वो अपनी जिंदगी में मस्त रहे, मैं अपनी जिंदगी में मस्त रहूं। हमने सोच-समझकर तलाक का फैसला लिया है। यह अटल है। परिवार के साथ, पत्नी के नहीं तेज प्रताप ने कहा कि वे परिवार के साथ हैं, लेकिन ऐश्वर्या के साथ रहना नहीं चाहते। उन्होंने घर में घुसे किसी विपिन नामक व्यक्ति के प्रति नाराजगी जताई तथा कहा कि वह उनके दोस्तों को बुलाकर सता रहा है। यह बर्दाश्त से बाहर है। तेज प्रताप ने कहा कि पार्टी में भी गुंडे-मवाली घुस गए हैं। उन्हें भी बाहर करना चाहिए। भाइयों को लड़ाना चाहते हैं कुछ लोग उन्होंने कहा कि कुछ दुर्योधन लगे हैं लेकिन वे अपने तेजस्वीतेज प्रताप का तलाक: घर लौटने को तैयार लालू के लाल, लेकिन रखी ये बड़ी शर्त से दूर नहीं हैं। परिवार वालों से भी उनकी बात हो रही है। पिता लालू प्रसाद यादव से भी बात हुई है। वे ठीक हैं। भाई को फोन पर दी बधाई तेज प्रताप फिलहाल वृंदावन में हैं। उन्होंने फोन कर तेजस्वी को जन्मदिन की बधाई दी है। तेजस्वी ने बड़े भाई को बहुत समझाया है। लेकिन, वे चाहते हैं कि घरवाले पहले उनके तलाक की बात मान लें, तब वे लौटेंगे। ऐश्वर्या से तलाक लेने की याचिका दायर करने के बाद सुर्खियों में आए तेज प्रताप यादव के बिना दिवाली का त्योहार तो सूना रहा ही उनके भाई तेजस्वी के जन्मदिन पर भी समर्थक इंतजार करते रहे। जन्मदिन पर उनके राजधानी पहुंचने के कयास समर्थक लगा रहे थे लेकिन पटना स्थित उनके आवास पर शुक्रवार को भी सन्नाटा पसरा रहा। हरिद्वार गए तेज प्रताप के घर न लौटने पर समर्थक निराश ही लौटे।