5.50 करोड़ के चेक बाउंस होने पर 6 निदेशकों पर रिपोर्ट दर्ज








गाजियाबाद। निर्माण कार्य कराने की एवज में 5.50 करोड़ रुपए नहीं देने के मामले में कोर्ट आदेश पर 7 माह बाद कतिपय बिल्डरों के खिलाफ विजयनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि गत 25 मई को कोर्ट ने थाना प्रभारी को इस बाबत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे, जो लगभग सात माह बाद गत 14 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई है। दरअसल, धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं में मैसर्स कोहिनूर बिल्डिंग एंड प्लानिंग एलएलपी के 6 निदेशकों के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया, जिनमें मनोज गोयल, राजीव अरोड़ा, भावना गोयल, गुलजीत सिंह, नवीन जिंदल और विकास पुंडीर के नाम शामिल हैं। 

उल्लेखनीय है कि नोएडा की शिव कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक शिवदत्त शर्मा ने बीते साल मैसर्स कोहिनूर बिल्डिंग एडं प्लानिंग एलएलपी कंपनी के साथ 25 करोड़ रुपए में डूंडाहेड़ा में बिल्डिंग बनाने का करार किया हुआ था। यहां अल्फा हाईटस नाम की बिल्डिंग में 250 फ्लैट्स बनाने थे। इसके मद्देनजर उक्त कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने अक्टूबर-2017 में निर्माण शुरू कर 2 टावरों का बेस तैयार कर पार्किंग की दो स्टोरी बनाई, जिस पर लगभग 5.50 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस दौरान कंपनी के निदेशक मनोज गोयल ने 5.50 करोड़ रुपए के 7 चेक दिए जो फरवरी-2018 में बाउंस हो गए। जिसके बाद उन्होंने निर्माण कार्य रोक दिया। फिर भी बिल्डर पैसों के लिए टाल-मटोल करता रहा। हद तो यह कि बाद में वह धमकी पर भी उतर आया। आरोप है कि उन्हें सुंदर भाटी के नाम पर फोन कर डराया गया, जिसकी शिकायत पर नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया। क्योंकि पीड़ित ने पहले थाने में और फिर एसएसपी से भी शिकायत की। लेकिन पुलिस कार्रवाई न होने पर पीड़ित ने कोर्ट में शरण ली। जिसके पश्चात गत 25 मई 2018 को सीजेएम-2 की कोर्ट ने आदेश दिया कि विजयनगर थाना प्रभारी मामले में तय धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करें। लेकिन एसएचओ ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भी इस मामले को 7 माह तक टरकाया। जबकि एसपी सिटी श्लोक कुमार का कहना है कि कोर्ट आदेश पर तुरंत मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। लेकिन जब एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई है तो थाना प्रभारी से रिपोर्ट ली जाएगी।