बिहार में बनेगा देश का सबसे लंबा महासेतु

 


 6 लेन पुल 9.8 किलोमीटर लंबी होगी * 50 अरब कि लागत से  बनेगी सेतु * 90 लाख लोगों को मिलेगा लाभ्



पटना: बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर फिर से एक पुल बनाने की योजना है। ये सड़क पुल 9.8 किलोमीटर लंबी होगी है जिसके निर्माण के लिये एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ ऋण का करार किया गया है। इससे पहले एडीबी ने कहा था कि नया गंगा पुल नदी के दोनों चैनलों का विस्तार किया जायेगा और मौजूदा गंगा पुल के वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करेगा। प्रथम स्वर  को प्राप्त खबर के अनुसार उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए पटना के पास गंगा नदी पर बनने वाले इस पुल से 90 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। नवंबर में, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत ने गंगा नदी पर सड़क पुल बनाने के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डालर का ऋण समझौता किया था। 10 किमी होगी लंबाई : एडीबी द्वारा समर्थित नया गंगा ब्रिज, राजधानी पटना के 10 किमी डाउनस्ट्रीम बनाया जाएगा। इसका निर्माण पटना के पूर्व में होगा। एक बार पूरा होने के बाद लगभग 10 किमी की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा नदी पुल होने की संभावना है। ऋण के समझौते के अनुसार, ये परियोजना दिसंबर 2020 तक पूरी की जायेगी। 715 मिलियन अ‍ेमेरिकी डॉलर की लागत से बनने वाले छह लेन के इस पुल से नेपाल के साथ भारत के पूर्वी, उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों को आसानी से जोड़ा जा सकेगा। इस परियोजना में एडीबी के साथ बिहार सरकार की 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी होगी। बिहार में बनेगा देश का सबसे लंबा महासेतु, कोसी पर बनेगा 1293 करोड़ से 10.2 ङट का पुल : देश के सबसे लंबे पुल का नया रिकार्ड फिर से बिहार के नाम होने जा रहा है। पहले यह रिकार्ड पटना के गांधी सेतु के नाम था लेकिन असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने भूपेन हजारिका सेतु बनने के बाद यह रिकार्ड बिहार से छीन गया था। ताजा अपडेट के अनुसार देश के सबसे बड़े 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु बनाने की केंद्र ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1293 करोड़ की लागत से बनने वाले इस महासेतु के निर्माण की स्वीकृति देते हुए एनएचएआई को टेंडर करने को कहा है। टेंडर होगा और साढ़े तीन साल में यह महासेतु बनकर तैयार होगा। इस महासेतु के 25 किलोमीटर उत्तर कोसी नदी पर कोसी महासेतु तो 26 किलोमीटर दक्षिण में बलुआहा घाट सेतु से अभी गाड़ियां आर-पार हो रही हैं। धारा बदलते रहने वाली कोसी के स्वभाव के कारण इस महासेतु को नदी के दोनों तरफ बने पूर्वी और पश्चिमी तटबंधों को सीधे जोड़ा जा रहा है। इस कारण यह महासेतु देश का सबसे लंबा महासेतु बन जाएगा। जानकारों की माने तो इस पुल की एप्रोच की लंबाई 8.6 किमी है। इसके निमार्ण के लिए जरूरत है 56 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी।  प्रथम स्वर की रिपोर्ट के अनुसार इस पुल के बनने के बाद मधुबनी-सुपौल जिला मुख्यालय की दूरी घट जाएगी। प्राथमिक जानकारी के अनुसार इस पुल में होंगे 204 पिलर। 50 मीटर लंबाई वाले 50 स्पैन लगाए जाएंगे। पुल की कुल चौड़ाई 16 मीटर, सड़क की चौड़ाई 11 मीटर, दोनों तरफ 1.5 मीटर फुटपाथ होगा। इस पुल के निर्माण से 5 गांवों को महासेतु से सीधे मिलेगा फायदा।