निगम का मानना है कि अक्सर किसी पशु/पक्षी की मौत के बाद लोग उसके शव को सड़क के किनारे या फिर नदी, नहर-नाले में फेंक देते हैं। जिससे न सिर्फ हवा में दुर्गंध फैलती है बल्कि बीमारियों के भी फैलने का खतरा बना रहता है। खासकर लावारिस पशुओं के साथ ऐसा अधिक होता है। यही वजह है कि नगर निगम विदेशी जर्मन तकनीक के सहारे चलने वाले प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह बनाने की तैयारी कर रहा है।
बहरहाल, जर्मनी की सम्बन्धित कंपनी को प्रजेंटेशन देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस बाबत नगर निगम के मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन ने कहा कि प्रजेंटेशन का अवलोकन करने के बाद पूरे प्रॉजेक्ट का इस्टिमेट तैयार कर उसे निगम बोर्ड से पास करवाया जाएगा। उसके बाद प्रॉजेक्ट वर्क शुरू होगा। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2019 के अप्रैल माह तक इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह बनकर तैयार हो जाएगा। जिसमें पशुओं के शवों को सम्मानपूर्वक जलाया जा सकेगा। इससे प्रदूषण भी नियंत्रित रहेगा और वातावरण भी स्वच्छ होगा।