हिन्द केसरी के आयोजन पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगाई

नईं दिल्ली। भारतीय शैली कुश्ती महासंघ ने आज दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा की एक षड्यंत्र के तहत पुणे में कुश्ती फेडरेशन ऑफ़ इंडिया *हिन्द केसरी* का आयोजन करने जा रहा था जिसे न्यायालय ने नाकाम कर दिया है।महासंघ  अध्यक्ष रामश्रय यादव ने बताया की वर्ष १९५८ से निरंतर भारतीय शैली यानि मिट्टी पर कुश्ती का आयोजन भारतीय शैली कुश्ती महासंघ करता आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुश्ती फेडरेशन ऑफ़ इंडिया नहीं चाहता है कि कोई और भी महासंघ कुश्ती के क्षेत्र में कार्य करे लेकिन न्यायालय के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है की मिट्टी की कुश्ती का आयोजन पूर्व की भांति हमलोग ही करेंगे। 


दोनों ही कुश्ती के प्रारूपों में लगभग ९० प्रतिशत खिलाडी दोनो जगह खेलते हैं ,उनपर पड़ने वाले प्रभावों के सवाल पर श्री यादव ने कहा की हमलोग किसी के ऊपर किसी प्रकार का दबाब नहीं देते हैं आखिर यही लोग तो भारतवर्ष के लिए मैडल जीत कर देश का मान-सम्मान बढाते हैं। उन्होंने कहा कि *हिन्द केसरी *भी गौरवशाली सम्मान है और मुझे इस बात की ख़ुशी है कि भारतीय शैली कुश्ती महासंघ इसका आयोजन करता है। उन्होंने बताया की एक ओर जहाँ न्यायालय ने हमे न्याय दिया है वहीं दूसरी ओर विश्व की सबसे बड़ी कुश्ती संस्था UWW ने भी भारतीय शैली कुश्ती महासंघ को मान्यता प्रदान करने का फैसला किया है।