हिंडन नदी पर जर्जर पुल को तोड़कर नया पुल बनवाएगा जीडीए



गाजियाबाद। स्थानीय हिंडन नदी पर जर्जर पुल को तोड़कर नए पुल का निर्माण करने के लिए शासन में सेतु निर्माण निगम द्वारा पूर्व में भेजे गए डीपीआर समेत 20 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर प्रमुख सचिव आवास और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी की मंजूरी नहीं मिल पाई है। इसलिए अब जीडीए द्वारा ही हिंडन नदी पर नए पुल का निर्माण करने की योजना बनाई जाएगी और नववर्ष में जनवरी या फरवरी माह में इसकी नींव रखी जाएगी। इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि हिंडन नदी पर जर्जर पुल को तोड़कर नए पुल का निर्माण करने के लिए जीडीए ही अब योजना बनाएगा,क्योंकि शासन में सेतु निर्माण निगम द्वारा पूर्व में भेजे गए डीपीआर समेत 20 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि  प्रमुख सचिव आवास और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नितिन रमेश गोकर्ण ने पीडब्ल्यूडी से 20 करोड़ रुपए की धनराशि देने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी हैं। इसलिए अब हिंडन नदी पर नए पुल का निर्माण करने की योजना बनाई जाएगी, जिसके तहत यहां पर पुराने पुल को तोड़कर 200 मीटर लंबा और 7.50 मीटर चौड़ाई में पुल का निर्माण कराने की योजना बनाएंगे। यह सेतु निगम बनाएगा या फिर जीडीए, इस पर भी निर्णय शीघ्र करेंगे। क्योंकि अवस्थापना निधि से 20 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुका है। उन्होंने कहा कि जनवरी या फरवरी में नए पुल का निर्माण करने के लिए नींव रखी जाएगी। इस पुल का निर्माण पूरा होने के बाद लगभग 3 लाख वाहन स्वामियों को इसका लाभ मिल सकेगा। यही नहीं, नगरवासियों के लिए यह एक नजीर भी बन जाएगा। दरअसल, शहर और ट्रांसहिंडन क्षेत्र को जोड़ने के लिए हिंडन नदी पर बना यह पुल काफी पुराना है। फिलहाल इस नदी पर तीन पुल चल रहे हैं। चूंकि मेट्रो ट्रेन संचालित होने के बाद रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ेगा। इसलिए प्रस्तावित पुल का निर्माण होना बहुत जरूरी है।इस बारे में जीडीए के मुख्य अभियंता विवेकानंद सिंह ने बताया कि हिंडन नदी पर जर्जर पुराने पुल को तोड़कर 3 लेन वाले चौड़ा पुल का निर्माण किया जाएगा। लेकिन पीडब्ल्यूडी से 20 करोड़ रुपए का फंड नहीं मिल पाएगा।लिहाजा अब जीडीए द्वारा ही हिंडन नदी पर जर्जर पुल को तोड़कर नए पुल का निर्माण करने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने भी कहा कि  यूपी सेतु निगम ने पुल की डीपीआर फाइनल कर शासन को भेजी थी, लेकिन प्रमुख सचिव ने फंड देने से इंकार कर दिया है। इस डीपीआर में हिंडन नदी पर बनने वाले नए पुल की लंबाई 200 मीटर होगी। यह 3 लेन चौड़ा यानि कि 7.50 मीटर चौड़ा होगा।नए पुल का निर्माण होने में करीब डेढ़ साल का वक्त लगेगा।बता दें कि प्रदेश शासन में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निर्माण निगम ने दोबारा से प्रस्ताव बनाकर पुल का निर्माण करने के लिए भेजा था।इसलिए जीडीए अबतक शासन से मंजूरी होने और बजट फाइनल होने के इंतजार में बैठा था। लेकिन अब जीडीए को पीडब्ल्यूडी या सेतु निर्माण निगम से नए पुल का निर्माण करने के लिए फंड मिलने की उम्मीद नहीं हैं। साथ ही, शासन से भी 20 करोड़ रुपए की मदद नहीं मिल पाएगी। इसलिए अब जीडीए को ही पुल का निर्माण करने के लिए योजना बनानी पड़ेगी। इस पुल का निर्माण सेतु निगम करेगा या फिर जीडीए, अब इस पर भी निर्णय होगा।गौरतलब है कि जीडीए द्वारा इस पुल का निर्माण किए जाने के बाद करीब 3 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। दरअसल, हिंडन नदी पर ब्रिटिश शासनकाल मेंअंग्रेजों ने पुल का निर्माण कराया था। अतीत में यह पुल अंग्रेजी फौज और क्रांतिकारियों के बीच हुए संघर्ष की पहचान भी बन चुका है। दरअसल, गत वर्ष जून 2017 में हिंडन नदी पर बने इस पुल के पिलर नंबर 3 के नीचे धंसने और उसमें दरार आ जाने के चलते ही जिलाधिकारी ने इसे बंद कर दिया था। उसके बाद, जनवरी-2018 में जीडीए की अवस्थापना निधि से पुल निर्माण करने के लिए 20 करोड़ रुपए स्वीकृत हो भी चुके हैं। उधर, सेतु निर्माण निगम ने इसे अपने कार्य में लेकर निर्माण संबंधी एक प्रस्ताव भी शासन को भेजा था,जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इस बाबत जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा का कहना है कि शासन स्तर से पुल का निर्माण करने के लिए फंड की डिमांड संबंधी प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन प्रमुख सचिव ने पीडब्ल्यूडी से फंड देने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। साथ ही, इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को भी शासन से मंजूरी नहीं मिल पाई है। इसलिए जीडीए ही अब नए पुल का निर्माण करने की योजना बनाएगा, और इसकी नींव नववर्ष के पहले या दूसरे महीने में रखी जाएगी।