जीडीए इंदिरापुरम कॉलोनी को अगले तीन चरणों में नगर निगम को करेगा हस्तांतरित

 गाजियाबाद। आखिर लंबी कवायद के बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने तय कर लिया है कि वह इंदिरापुरम कॉलोनी को नगर निगम को तीन चरणों में चरणबद्ध रूप से हस्तांतरित (हैंडओवर) करेगा। इस सम्बंध में जीडीए और नगर निगम के अधिकारियों की टीमों ने विधिवत भौतिक सर्वे कर लिया है। जिसके बाद यह तय हुआ है कि पहले चरण में सड़कें, सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट व्यवस्था निगम को सुपुर्द की जाएगी।जीडीए इसकी विधिवत तैयारी भी कर रहा है। वह शीघ्र ही इस आशय का प्रस्ताव निगम को भेजेगा। उधर, नगर आयुक्त चंद्र प्रकाश सिंह का कहना है कि पहले इस माह में संयुक्त निरीक्षण के लिए तारीख तय करके सर्वे करेंगे, उसके बाद ही इस सम्बंध में कोई विचार करेंगे। बता दें कि जीडीए ने वर्ष 1990 में इंदिरापुरम कॉलोनी को 1100 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया था, जिसका मेन्टेनेंस जीडीए द्वारा ही किया जा रहा है। तब एकल यूनिट के हिसाब से यहां मूलभूत सुविधाएं विकसित की गई थीं। लेकिन नेशनल हाइवे-9 से सटी इंदिरापुरम कॉलोनी जब दिल्ली और नोएडा में नौकरी तथा व्यापार करने वालों की पसंद बन गई, तो यहां पर ग्रुप हाउसिंग में बहुमंजिला बिल्डिंगों का निर्माण किया गया। यही वजह है कि क्षेत्रफल और आबादी बढ़ने से यहां की सीवर और डेनेज व्यवस्था खराब हो चुकी है, क्योंकि आबादी अधिक है और क्षमता कम। लिहाजा, नगर निगम इंदिरापुरम कॉलोनी को गोद लेने से घबराता रहा है। इधर, जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि सीवर और ड्रेनेज व्यवस्था दुरुस्त कराने में वक्त लगेगा। इसलिए नगर निगम को 3 चरणों में कॉलोनी हस्तांतरित की जाएगी। पहले चरण में सड़कें, स्ट्रीट लाइट और सफाई व्यवस्था नगर निगम को सौंपी जाएगी। साथ ही जो पार्क ठीक हैं, उनको निगम को देने के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा। उसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में इसे हैंडओवर किया जाएगा। क्योंकि इसके समुचित रखरखाव के लिए निगम के पास पर्याप्त संसाधन हैं।