जीडीए ने तुलसी निकेतन कॉलोनी के 300 भवन खाली करने के लिए नोटिस भेजा



गाजियाबाद। स्थानीय तुलसी निकेतन कॉलोनी में जीर्ण-शीर्ण हो चुके 2292 फ्लैट्स को खाली करवाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने अपनी ओर से कार्रवाई शुरू कर दी है। खबर है कि जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा के आदेश पर तुलसी निकेतन कॉलोनी में 300 फ्लैट्स में रहने वाले परिवारों को मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। ये नोटिस जीडीए की सेंट्रल डिस्पैच से रजिस्टर्ड डाक के जरिए जारी किए गए हैं।बताया गया है कि नोटिस जारी होने के बाद अब 10 दिन में ही मकान खाली करने होंगे। उल्लेखनीय है कि तुलसी निकेतन कॉलोनी जीडीए द्वारा फ्लैट्स बनाए गए थे, जिनमें 2292 ईडब्ल्यूएस फ्लैट जर्जर हो चुके हैं, जिन्हें अब जीडीए ध्वस्त करेगा। इसलिए जो लोग वहां रह रहे है, उनसे फ्लैट खाली कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। बता दें कि जीडीए की ओर से 2292 फ्लैट्स में रहने वाले सभी परिवारों को ये नोटिस जारी किए जाएंगे। यदि लोगों ने शीघतापूर्वक फ्लैट खाली नहीं किए तो जीडीए पुलिस और स्थानीय पुलिस की मदद से भी फ्लैट खाली कराएगा। क्योंकि तुलसी निकेतन कॉलोनी में अधिकांश लोग पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए ही इन फ्लैट्स में रह रहे है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 2292 में लगभग 500 लोगों के पास ही फ्लैट की रजिस्ट्री है। इसलिए अब लीगल राय लेने के बाद ही नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में जीडीए अभियंत्रण जोन-8 के अधिशासी अभियंता एसके सिन्हा ने बताया कि वर्ष 1992 में बनाए गए 2292 फ्लैट्स में लोग रह रहे हैं, लेकिन इन फ्लैट्स के जीर्ण होने की वजह से हादसे पर हादसे हो रहे हैं।इसलिए इन्हें खाली कराने के लिए 300 फ्लैट में रहने वाले परिवार को सेंट्रल डिस्पैच से आज या कल में यह नोटिस जारी हो जाएंगे। सभी 2292 फ्लैट में रहने वाले लोगों को 10 दिन में फ्लैट खाली करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। अगर जल्द फ्लैट खाली नहीं किए गए तो पुलिस के सहयोग से खाली कराए जाएंगे। यहां रहने वाले 80 प्रतिशत लोगों के नाम से घर की रजिस्ट्री नहीं है। लिहाजा इन्हें खाली कराने के लिए 300 फ्लैट्स में रहने वाले परिवार को सेंट्रल डिस्पैच से आज और कल में यह नोटिस जारी होजाएंगे। सभी 2292 फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को 10 दिन में फ्लैट खाली करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। अगर शीघ्र ही फ्लैट खाली नहीं किए गए तो पुलिस के सहयोग से खाली कराए जाएंगे। बता दें कि यहां रहने वाले 80 प्रतिशत लोगों के नाम से घर की रजिस्ट्री नहीं है।