सद्ग्रन्थ स्वरूप है भारतीय संविधान: नरेंद्र चौधरी







गाजियाबाद। परमहंस पब्लिक स्कूल संजय नगर पर एक सामूहिक विमर्श कार्यक्रम “संविधान के रास्ते” आयोजित किया गया। इसमें मुख्य वक्ताओं द्वारा विमर्श किये जाने के बाद यह बात निकल कर सामने आई कि संविधान ही देश की व्यवस्था के लिये सबसे बड़ा पथ प्रदर्शक है और भारतीय व्यवस्था की दर्शन पुस्तक है। कुल मिलाकर यह सद्ग्रन्थ स्वरूप है।

इसमें मुख्य रूप से नरेंद्र चौधरी, जे एन राय, विक्रांत शर्मा, पीयूष बबेले, मनोज यादव, नरेंद्र नागर, सतेंदर यादव, संजय शर्मा और सुधीर जैन ने अपने अपने विचार रखें। अजय शर्मा, मंगल सिंह नेगी, नंदकिशोर वर्मा, मोहित शर्मा, रितेश शर्मा, वंदना चौधरी, वरुण चौधरी सूरज, वेदान्त दीक्षित, ध्यान पल्लव, दिनेश श्रीनेत, शलिनी, सुबिज्ञा जैन, प्रखर वशिष्ठ व अन्य साथियों ने भाग लिया।

यह आयोजन निर्मला कल्याण समिति , इन्नोवेटिव इंडियंस फाउंडेशन के द्वारा कराया गया। संस्थान के सचिव डॉक्टर संजीव शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजनों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाने की ज़रूरत है। नरेंद्र चौधरी ने कहा कि संविधान सद्ग्रन्थ स्वरूप है।