तुलसी निकेतन में कोई नहीं होगा बेघर, 2292 फ्लैट्स में रहने वालों को देंगे मकान: कंचन वर्मा

 





गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने तुलसी निकेतन कॉलोनी के 2292 फ्लैट्स को खाली कराकर यहां पर 5 से 10 मंजिला तक नए फ्लैट का निर्माण करने के वास्ते अपना खाका खींच लिया है। इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि शासन से मंजूरी मिलने के बाद लगभग 15 हजार आवंटियों को लाभ मिल सकेगा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि
कॉलोनी में जो लोग फ्लैट्स में रह रहे हैं, उन्हें भी फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। यहां रहने वाले किसी भी व्यक्ति को बेघर नहीं किया जाएगा।
लिहाजा, शासन में पावर ऑफ अटार्नी पर रहने वालों को फ्लैट आवंटित करने संबंधी प्रस्ताव भेज दिया गया है।उधर, जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा से उनके ऑफिस में जीडीए बोर्ड सदस्य हिमांशु मित्तल, सचिन डागर, आसिफ चौधरी आदि ने मिलकर तुलसी निकेतन कॉलोनी में रहने वालों को फ्लैट आवंटित करने की मांग की। इस दौरान उपाध्यक्ष वर्मा ने बोर्ड सदस्यों को बताया कि किसी को भी बेघर नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि  तुलसी निकेतन कॉलोनी के 2292 फ्लैट बेहद जर्जर हो चुके हैं, इसलिए हादसे रोकने के लिए यहां पर करीब 5000 फ्लैट का निर्माण कराया जाएगा। यही वजह है कि यहां पर फ्लैट खाली करने के लिए नोटिस जारी कराए जा रहे हैं। अबतक लगभग 1000 लोगोंं को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि  इन फ्लैट्स में रहने वाले सभी आवंटियों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।जीडीए बोर्ड सदस्य हिमांशु मित्तल ने कहा कि उपाध्यक्ष ने आश्वासन दिया
है कि किसी को बेघर नहीं किया जाएगा। सर्वे कराकर नए फ्लैट बनाने के बाद इन्हें ही आवंटित किए जाएंगे। इससे हम सहमत हैं। इस कार्य को अंजाम देने के लिए जीडीए ने 2 साल में तुलसी निकेतन कॉलोनी में फ्लैट का निर्माण करने के लिए खाका खींच दिया हैै। इनका मेंंटीनेंस करने के लिए आरडब्ल्यूए का गठन भी किया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने कहा कि तुलसी निकेतन कॉलोनी के ईडब्ल्यूएस भवनों में रहने वाले आवंटियों की पहचान के लिए सर्वे कराने के साथ साथ घरों की फोटो और विडिओग्राफी भी कराई जाएगी।इनके नाम, पूरा विवरण लिखित रूप से एकत्र किया जाएगा।इसके अलावा, पॉवर ऑफ अटार्नी पर रहने वालों की यदि रजिस्ट्री हो सकेगी तो रजिस्ट्री भी कराई जाएगी। उसके बाद यहां पर 5 से 10 मंजिला फ्लैट बनाए जाएंगे, जिसके 5 प्रतिशत भू-भाग पर कॉमर्शियल गतिविधि भी संचालित की जाएगी। इस बिल्डिंग में लिफ्ट के मेंटीनेंस के लिए दुकानें भी किराए पर दी जाएंगी। इस प्रकार शासन से मंजूरी मिलने के बाद लगभग 15 हजार आवंटियों को लाभ मिल सकेगा।