अर्थला के इंदिरा प्रियदर्शनी पार्क की बीओटी लीज नगर आयुक्त ने निरस्त की














गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम ने अर्थला के सुप्रसिद्ध इंदिरा प्रियदर्शनी पार्क की बीओटी लीज गुरुवार को निरस्त कर दी है। खबर है कि बीओटी पर इस पार्क को लेने वाली कंपनी प्रचार एडवरटाइजिंग एंड पीआर को प्रेषित नोटिस में निर्देश दिया गया है कि इस पार्क को कब्जा मुक्त कर उसे उसके मूल स्वरूप में वापस लाएं। 

 

बता दें कि बीजेपी पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस सम्बन्ध में शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि उक्त कंपनी ने बीओटी की शर्तों का घोर उल्लंघन किया है। दिलचस्प बात तो यह है कि उनके आरोपों की पड़ताल के लिए नगर आयुक्त सीपी सिंह द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने भी अपनी जांच में उक्त आरोपों को सही पाया है, जिसके बाद बीओटी कार्य लेने वाली कंपनी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। लेकिन निश्चित समयावधि में संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण नगर आयुक्त सीपी सिंह ने उक्त लीज निरस्त कर दी है।

 

गौरतलब है कि वर्ष 2006 में नगर निगम ने इंदिरा प्रियदर्शनी पार्क को प्रचार एडवरटाइजिंग एंड पीआर कंपनी को 27 साल के लिए बीओटी पर दे दिया था। लेकिन मजे की बात तो यह है कि जब कुछ महीने पहले एक निगम पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत पत्र भेज कर आरोप लगाया था कि बीओटी कंपनी ने शर्तों का घोर उल्लंघन करते हुए पार्क का स्वरूप ही बदल दिया है, जो आपत्तिजनक बात है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस पार्क की भूमि पर दो रेस्टोरेंट और तीन बैंक्वेट हॉल संचालित हो रहे हैं। यही नहीं, कतिपय नियम विरूद्ध पार्क में वाणिज्यिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। यही नहीं, तकरीबन 52 एकड़ के इस पार्क में न तो झील का निर्माण कराया गया है और न ही नौकायान की समुचित सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे आमलोगों को भी परेशानी होती है। वे बड़े ही उत्साह से इस पार्क का लुत्फ उठाने आते हैं, लेकिन यहां की अव्यवस्था पर मनमसोने के अलावा उनके पास कोई चारा भी नहीं बचता।

 

बीओटी की शर्त के मुताबिक, बच्चों के लिए छोटा अप्पूघर और चिड़ियाघर भी नहीं बनाया गया। इसके अलावा, दस हजार पौधे रोपने, ओपन एयर थिएटर बनाने, खान-पान के लिए कैंटीन खोलने के साथ ही झूले, म्यूजिकल फाउंटेन लगाने समेत कई शर्तें पूरी नहीं की गई हैं, जिससे नगर निगम को बीओटी रद्द करने का आधार मिल गया। यही नहीं, उक्त कम्पनी पर यह भी  आरोप भी लगाया गया था कि पार्क की भूमि पर उसने 40 प्रतिशत क्षेत्र में अवैध निर्माण कर लिया है, जो जांच में सही पाया गया। हैरत की बात तो यह है कि इस लोकप्रिय पार्क का रखरखाव सही ढंग से नहीं किया जा रहा है, जिससे झील गंदी हो चुकी है और पार्क में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कोढ़ में खाज यह कि झूले तक टूटे पड़े हैं, जबकि प्रवेश शुल्क पांच रुपये के बजाए 10 रुपये लिया जा रहा है जो अनुचित है।

 

उल्लेखनीय है कि इन आरोपों पर नगर आयुक्त सीपी सिंह ने अपर नगर आयुक्त आरएन पांडेय, मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन समेत तीन अधिकारियों की एक कमेटी से जब जांच कराई तो उस जांच में पार्षद राजेन्द्र त्यागी के आरोप सही पाए गए। इसी रिपोर्ट के आधार पर नगर आयुक्त सीपी सिंह ने प्रचार एडवरटाइजिंग एंड पीआर कंपनी की बीओटी लीज निरस्त कर दी है। चर्चा है कि इस कंपनी में मेघालय के एक कैबिनेट मंत्री भी पाटर्नर हैं, जिससे यह मामला हाई प्रोफाइल बन चुका है।

 

इस बाबत नगर आयुक्त सीपी सिंह ने बताया कि अर्थला स्थित इंदिरा प्रियदर्शनी पार्क की प्रचार एडवरटाइजिंग एंड पीआर कंपनी के साथ 2006 में हुई बीओटी लीज तकनीकी वजहों से समय पूर्व ही निरस्त कर दी गई है। साथ ही, सम्बन्धित कम्पनी को निर्देश दिया गया है कि पार्क को मूल स्वरूप देकर कब्जा छोड़ दें।