बजट से जुड़े अधिकारियों को क्यों मिलती है कैद और कहां छपते हैं बजट डॉक्यूमेंट्स?

 नई दिल्ली। 1 फरवरी 2019 को पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की छपाई का काम शुरू हो गया है। हाल ही में नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित हलवा रस्म की अदायगी के बाद ही इस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। बजट छपाई से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि बजट को तैयार करने में शामिल अधिकारियों को एक तरह की कैद दे दी जाती है। ये सभी अधिकारी बजट पेश किए जाने तक कैद रहते हैं और बाकी दुनिया से इनका संपर्क कुछ दिन के लिए कट सा जाता है। बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी करीब एक हफ्ते के लिए बाहरी दुनिया से कट जाते हैं और इन्हें नॉर्थ ब्लॉक में कैद कर लिया जाता है। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को इस तरह की कैद दिए जाने के पीछे की प्रमुख वजह बजट की गोपनीयता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बजट टीम के सभी सदस्यों पर पैनी नजर रखी जाती है।इंटेलिजेंस ब्यूरो  की एक टीम हर किसी की गतिविधि और उनके फोन कॉल्स पर बराबर नजर रखती है। यह टीम संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में काम करती है। बजट अधिकारियों में से सबसे ज्यादा निगरानी स्टेनोग्राफरों की होती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कम्प्यूटर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (ठू) के सर्वर से दूर होते हैं। जहां ये सारे लोग होते हैं वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है ताकि कॉल्स को ब्लॉक किया जा सके और किसी भी जानकारी को लीक न होने दिया जाए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स को नॉर्थ ब्लॉक में कैद मिलती है। ये लोग इस दौरान अपने परिवार से भी बात नहीं कर सकते हैं। अगर परिजनों को अपने पारिवारिक सदस्य को कोई बहुत जरूरी सूचना भी देनी होती है तो वो दिए गए एक नंबर पर सिर्फ संदेश भर भेज पाते हैं।