दिल्ली में साकेत कोर्ट परिसर में महिला IAS अफसर से छेड़छाड़, मचा हंगामा


नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में महिला आइएएस अधिकारी से छेड़खानी का मामला सामने आया है। छेड़खानी की यह घटना बृहस्पतिवार की है। महिला आइएएस अधिकारी की शिकायत पर दिल्ली के साकेत थाने में एक वकील और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के साकेत कोर्ट में महिला आइएएस अधिकारी के साथ छेड़खानी और बदसलूकी हुई।वह किसी केस के सिलसिले में अपने पति के साथ कोर्ट आई थी। यह भी बताया जा रहा है कि इससे पहले 2014 बैच की यह आइएसएस अफसर एसडीएम महरौली भी रह चुकी हैं। महिला आइएएस के साथ हुई छेड़खानी का घटना दिल्ली पुलिस के महिला सुरक्षा के दांवों पर भी सवाल उठाती है।बता दें कि दिल्ली पुलिस के सुरक्षा के दावों और उपायों के बावजूद राजधानी में महिलाओं की स्थिति में बहुत अंतर नहीं आ पाया है खासकर दुष्कर्म के मामलों में स्थिति अधिक भयावह है। 2012 की तुलना में आज भी दुष्कर्म के IAS अफसर मामले तीन गुना अधिक हैं। वसंत विहार दुष्कर्म मामले के कारण 2012 हर किसी के जेहन में है। 2012 में राजधानी में दुष्कर्म के 706 मामले दर्ज हुए थे। यह आंकड़ा अगले साल दोगुना हो गया, जबकि 2014 में यह तीन गुना हो गया था।इसके बाद के सालों में आंकड़ों में मामूली घटत-बढ़त दर्ज की गई। 2018 में दुष्कर्म के 2043 मामले दर्ज किए गए जो कि 2017 से महज 0.78 फीसद कम हैं। अजनबियों द्वारा दुष्कर्म की घटनाएं तो हर साल हो ही रही है, मित्र/पारिवारिक मित्र और जान- पहचान के लोगों द्वारा अस्मत लूटने के मामले बढ़ रहे हैं। साफ है कि आधी आबादी को अनजबियों से अधिक अपनों से खतरा बढ़ रहा है। सालाना प्रेस वार्ता में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में दुष्कर्म के कुल 2043 में से 1992 (97.5 फीसद) मामलों में मित्र/ पारिवारिक मित्र, पड़ोसी, रिश्तेदार, सहकमों और अन्य जानकार शामिल थे। ढाई फीसद यानी 51 मामलों में अनजबियों का हाथ पाया गया, अफसर से छेड़छाड़,जबकि 2017 में अनजान लोगों के मामले 3.37 फीसद थे। आंकड़ों पर गौर करें तो पड़ोसी, सहकर्मी और रिश्तेदारों द्वारा दुष्कर्म के मामलों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं कुल मामलों में 550 ऐसे भी थे, जिनमें पीडिता लिव-इन में रही थीं या फिर आरोपित ने शादी से इनकार कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि इस वर्ष दुष्कर्म के 95 फीसद मामले सुलझाए गए, जबकि पिछले साल 91.31 फीसद और 2016 में दुष्कर्म के 86 फीसद मामले सुलझाए गए थे।महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में दिल्ली पुलिस ने बीते वर्ष कई नए कदम उठाए हैं। इसके तहत 15 पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) वैन शुरू किए गए हैं, जिनमें सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है