अमित शाह रैली में खूब गरजे
गठबंधन पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि गठबंधन के नेता बदलाव करने के लिए निकले हैं लेकिन क्या गठबंधन को अपने ही नेतृत्व का नहीं पता है। मैं गठबंधन से सवाल पूछता हूं कि प्रधानमंत्री पद के लिए आपका उम्मीदवार कौन हैं? इसी बहाने अमित शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा।उन्होंने कहा की पहले टूजी की सरकार थी तो कांग्रेस में टू-जी थे सोनिया गांधी और राहुल गांधी। तब देश में लाख करोड़ों के घोटाले हुए। अब तो प्रियंका के रूप में थ्री-जी भी आ गया, तो खुद सोचो क्या होगा। उन्होंने ये भी कहा कि जब देश में यूपीए की सरकार थी तो आतंकवादी आते थे और हमारे जवानों को मारकर चले जाते थे, लेकिन जब से देश में मोदी जी की सरकार बनी है हमने पाकिस्तान में घुस कर बदला लिया है।
हर दिन बनेगा नया पीएम
कानपुर की रणभूमि से अमित शाह ने दिनों के हिसाब से अलग अलग प्रधानमंत्री का नाम गिनवाया भी नही भूले।उन्होंने कहा कि रविवार को तो देश छुट्टी पर रहेगा क्योंकि सोमवार को बहन मायावती जी प्रधानमंत्री होंगी, मंगलवार को अखिलेश यादव, बुधवार को ममता जी, गुरुवार को शरद पवार जी, शुक्रवार को देवगौड़ा तो शनिवार को स्टालिन को प्रधानमंत्री बना दिया जाएगा।25 हजार बूथ कार्यकर्ताओं के बीच अमित शाह ने ये भी कहा कि बीजेपी के पास चार ‘बी’ हैं, बढ़ता भारत, बनता भारत लेकिन गठबंधन में तो बुआ, बबुआ, भाई और बहन…ये चार ‘बी’ हैं।
बीजेपी का संकल्प है राम मंदिर
इसके अलावा अमित शाह के सबसे बड़े चुनावी मुद्दे की बात करते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि अयोध्या में राम मंदिर बनें। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले की कांग्रेसी वकील सुनवाई की तारीख को बढ़वा देते हैं।जिस भूमि पर 1993 में कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था, बीजेपी सरकार आने के बाद पता चला कि गैर विवादित 42 एकड़ जमीन श्रीराम भूमि न्यास की है। बीजेपी सरकार ने इसे न्यास को लौटाने के लिए अर्जी डालकर एतिहासिक कदम उठाया है।इसके साथ ही उन्होंने दावा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।
आपको याद होगा बीजेपी अध्यक्ष ने मंगलवार को भी वंशवादी राजनीति के जरिए विपक्ष पर निशाना साधा था। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर की रैली में कहा था कि कांग्रेस की तरह, तृणमूल कांग्रेस भी वंशवाद की राजनीति करती है। क्योंकि वह पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को आगे बढ़ा रही है।जबकि कांग्रेस वंशवाद की राजनीति का पर्याय है। इंदिरा गाधी के बाद, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अब प्रियंका गांधी। इसी तरह तृणमूल कांग्रेस में बनर्जी के भतीजे उनके बाद राज करने के लिए तैयार हो रहे हैं। जो सही मायने में वंशवाद की राजनीति देश हित में सही हो ही नहीं सकता