केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय के सर्वे में गाजियाबाद को देश में मिला 12 वां स्थान











गाजियाबाद। केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा गत दिनों अपनी वेबसाइट पर मांगी गई सेल्फी विद क्लीन टॉयलेट एवं अन्य चुनिंदे मानकों पर जनपद गाजियाबाद ने पूरे देश में बारहवां स्थान हासिल किया है। हालांकि इस बार भी वह उत्तरप्रदेश का इकलौता जनपद रहा, जिसका चयन टॉप 30 में किया गया और वह टॉप 10 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा। यह बात दीगर है कि एक ही क्रमसंख्या में तीन जनपदों का चयन होने के चलते वर्णानुक्रम में गाजियाबाद का स्थान बारहवां आया है जो कि जनपदवासियों के लिए भी गौरव की बात है। इस बात की जानकारी जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी और मुख्य विकास अधिकारी रमेश रंजन ने कलेक्टेरियट सभागार में गुरुवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी। 

जिलाधिकारी श्रीमती माहेश्वरी ने बताया कि इस चयन प्रक्रिया में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 412 जनपद ने अपनी भागीदारी जताई, जिसमें टॉप 30 जनपद का चयन करते हुए उसकी सूची प्रकाशित की गई है। इस सूची में बिहार के जहानाबाद, झारखंड के हजारीबाग और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित एक अन्य जनपद को भी जगह मिली है। उन्होंने आगे कहा कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन के अलावा ग्राम प्रधानों एवं जनसमुदाय की बड़ी भूमिका रही है, क्योंकि उन्होंने ही स्वच्छता सम्बन्धी अपेक्षित गतिविधियों को संकलित कर वेबसाइट पर फोटो सहित अपलोड किया, जो कि बहुत बड़ी बात है। इस निमित्त ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सचिवों, स्वच्छता कर्मियों, स्वच्छाग्रहियों एवं सफाईकर्मियों आदि के द्वारा बनाई गई मानव श्रृंखला और निकाली गई वाहन रैली का भी बहुत बड़ा योगदान है, क्योंकि इससे जनता जागरूक हुई और प्रशासन का मकसद कामयाब हो गया।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत अपने गए विभिन्न मॉडल यथा- ट्वीन पिट शौचालय, कम्पोस्ट पिट, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए ई-रिक्शा का प्रयोग, खेल का मैदान आदि से इस सपने को साकार करने में अपेक्षा से अधिक मदद मिली। उन्होंने कहा कि गत 19 नवम्बर को विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर स्वच्छ भारत विश्व शौचालय दिवस प्रतियोगिता करवाई गई थी, जिसके मद्देनजर 09 नवम्बर से 19 नवम्बर तक पूरे देश से स्वच्छता सम्बन्धी आंकड़े एकत्रित किये गए। क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को जनांदोलन के रूप में लेते हुए ओडीएफ सस्टेनेबिलिटी पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया। 

इसी के साथ जनपद प्रशासन द्वारा वृहद स्तर पर जनसमुदाय के व्यवहार परिवर्तन हेतु विभिन्न तरह के प्रचार-प्रसार की गतिविधियां आयोजित करते हुए स्वच्छता के प्रति संवेदित करने हेतु सूचना, शिक्षा एवं संचार से सम्बन्धित आईईसी आयोजित कर सुरक्षित अपशिष्ट प्रबन्धन को बढ़ावा दिया गया। इसके लिए कम्पोस्ट पिट, दोहरे डस्टबिन और बायोगैस आदि को अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। 

इसके अलावा, स्वच्छ भारत विश्व शौचालय दिवस के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जनसमुदाय की सहभागिता हेतु ग्राम पंचायतों, विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों आदि पर समुदाय बैठक करने के साथ साथ घर घर सम्पर्क स्वच्छता जागरूकता रैली का आयोजन प्रत्येक ग्राम में किया गया। इसके अलावा, 09 से 19 नवंबर के बीच विद्यालयों में पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। साथ ही, ग्राम स्तर पर सेल्फी विद क्लीन टॉयलेट की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिससे सकारात्मक माहौल बना। 

यही वजह है कि इसमें शामिल स्वच्छाग्रहियों को, ग्राम प्रधानों एवं जनसमुदाय आदि को केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता सचिव द्वारा गत 17 नवम्बर को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, विलोपित कूड़ा घरों के सौंदर्यीकरण, महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा नर्सरी विकसित करने और उस हेतु कम्पोस्ट खाद का उपयोग बढ़ने से भी इस मिशन को बल मिला।