लगातार नौकरी बदलने वालों की बढ़ी तादाद:रिपोर्ट


नई दिल्ली। देश के युवा कर्मचारियों के भीतर एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी पकड़ना अब आम बात हो गई है। बीते 3 से 10 वर्षों के भीतर करीब 60 फीसद लोगों ने खुद से अपने रोजगार को छोड़ा हैयानी इन लोगों ने अपनी नौकरियां जल्दी-जल्दी बदली है। यह जानकारी एक सर्वे के जरिए सामने आई है। नए युवा कर्मचारियों के भीतर यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। इस सर्वे में प्रतिक्रिया देने वाले 56 फीसद ने बताया कि उन्होंने बीते 16 महीनों में एक बार और 3 से दस वर्षों में कम से कम तीन बार अपनी नौकरी को बदला है। एक ग्लोबल जॉब साइट की ओर से किए गए सर्वे के जरिए यह जानकारी सामने आई है। यह सर्वे 13 जुलाई से लेकर 1 अगस्त 2018 के बीच किया गया जिसमें अनुबंध पर नौकरी करने वालों को छोड़कर 1,002 भारतीयों को शामिल किया गया। इंडीड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार ने बताया, युवा कर्मचारियों ने उपभोक्तावाद को फिर से परिभाषित किया है, अध्ययन बताता है कि अब कार्यस्थल भी युवा कर्मचारियों के लिए उपभोग जैसी वस्तु बन गई है, वो नौकरी से तभी तक जुड़े रहते हैं जब तक उन्हें लगता है कि नौकरी उनके लायक है, नहीं तो वो नए बेहतर विकल्पों की तलाश करते हैं। नियोक्ताओं को फिलहाल उन तरीकों को विकसित करने की आवश्यकता है जिसमें कि वो टैलेंटेडलोगों को आकर्षित कर पाएं और उन्हें अपने यहां बनाए रख पाएं। इस सर्वे में पाया गया कि 56 फीसद कर्मचारियों ने अपनी नौकरी को खुद से कम समय काम करके छोड़ दिया, जबकि 85 फीसद का यह कहना था कि वो अपने यह परवाह किए बिना कि वो कंपनी में कितने दिन टिके, अपने रेज्यूमे में एक नई नौकरी जोड़ना चाहेंगे। कम समय में नौकरी छोड़ने के पीछे जिस कारण का हवाला दिया गया उसमें उम्मीद के मुताबिक काम का न मिलना (30 फीसद), कार्यस्थल का माहौल बेहतर न होना (29 फीसद) या फिर उन्हें कहीं और बेहतर ऑफर का मिलना प्रमुख रहा।