जिलाधिकारी माहेश्वरी शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित शुक्ल नियामक समिति की बैठक में शुल्क आदि की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। उनकी परवरिश करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उनके शिक्षा के स्तर को मजबूत बनाना न केवल अभिभावकों का दायित्व है बल्कि शिक्षण संस्थाओं की भी बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिये अधिकारी ये सुनिश्चित कर लें कि कोई भी शिक्षण संस्था शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित किये गये शुल्क से अधिक शुल्क किसी भी दशा में बच्चों से न वसूलें।
बैठक में समिति को प्राप्त 6 विद्यालयों के प्रकरणों चिल्ड्रन अकादमी, विजयनगर; एमेटी इण्टरनेशनल स्कूल, वसुन्धरा सैक्टर-1; दिल्ली पब्लिक स्कूल, इन्दिरापुरम; सेठ आनन्दराम जयपुरिया स्कूल, सैक्टर-14 वसुन्धरा; दिल्ली पब्लिक स्कूल, सिद्वार्थ विहार एवं सनवैली इन्टरनैशनल स्कूल वैशाली, सभी गाजियाबाद पर चर्चा की गयी। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को जयपुरिया विद्यालय का पक्ष 9 जनवरी को सुनने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी माहेश्वरी ने दो टूक कहा कि अधिक फीस वसूली के कारण अभिभावकों को बच्चों के शैक्षिक विकास में उत्तरोत्तर मजबूती लाने में कतिपय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा, विद्यालयों के प्रबन्धक व प्राचार्यगण यह सुनिश्चित कर लें कि निर्धारित तिथि तक हर दशा में समिति के समक्ष शुल्क दस्तावेज प्रस्तुत कर दें। यदि इस कार्य में विलम्ब किया गया तो कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, जिला विद्यालय निरीक्षक, डीपीएस स्कूल की प्रचार्या व शुल्क नियामक समिति के सदस्य उपस्थित रहे।