शिक्षा में माओवादी प्रसार और सोशल मीडिया दुष्प्रचार को अविलम्ब रोके सरकार: योगेश भारद्वाज











गाजियाबाद। एवीबीपी ने अहम राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना रुख साफ कर दिया है। एक तरफ उसने सर्वोच्च न्यायालय से विनम्र निवेदन किया है कि वह जनास्थाओं के प्रति अपनी सजग भूमिका निभाए, तो दूसरी ओर केंद्र सरकार से भी शैक्षणिक वातावरण में बदलाव की गुहार लगाते हुए सोशल मीडिया दुष्प्रचार पर रोक लगाने की वकालत की है। लगे हाथ आम लोगों से भी उसने निवेदन किया है कि सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ते भारत के समकक्ष उतपन्न चुनौतियों का सामूहिक रूप से मुकाबला किया जाए।

बता दें कि हाल ही में अहमदाबाद गुजरात में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 64 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन हुआ। जिसमें लिए गए निर्णयों की घोषणाओं के लिए परिषद के महानगर गाजियाबाद कार्यालय पर रविवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महानगर मंत्री रोनाक गुप्ता ने बताया कि गत 27-30 दिसंबर 18 तक कर्णावती, गुजरात में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में समूचे देश के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वसहमति से 3 प्रस्ताव एवं 2 संकल्प पारित किए गए। 

इन्हीं प्रस्तावों का व्याख्यान करते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि संगठन द्वारा पारित किए गए 3 प्रस्ताव निम्नलिखित  हैं- पहला, जनास्थाओं के प्रति सुप्रीम कोर्ट अपनी सजग भूमिका बनाएं, सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ते भारत में चुनौतियां का मिलकर मुकाबला किया जाए एवं स्नातक शिक्षा में अविलम्ब सुधार हो, जिनका अपना सार्वदेशिक महत्व है। 

वहीं महानगर मीडिया संयोजक योगेश भारद्वाज ने बताया कि संगठन द्वारा एक अन्य प्रस्ताव भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद् की बैठक में पारित किया गया जिसके अन्तर्गत संगठन ने शिक्षा में माओवाद के प्रसार को हटाने एवं सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार को रोकने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई है। संगठन द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जयेगा जिसमें वोटर्स बनाने से लेकर वोट डालने की अपील के लिए परिषद् द्वारा घर-घर जाकर अपील की जाएगी।

इस मौके पर विभाग संगठन मंत्री अभय कुमार, महानगर संगठन मंत्री अनुज ठाकुर, प्रदेश सह मंत्री काजल त्यागी, विभाग सह संयोजक विकास भदौरिया, आकाश गिरी, सुधीर, अमन कौशिक, दीपक, अमित ठाकुर आदि उपस्थित रहे।