युवाओं को भारतीय पर्वो की समृद्ध और विविध परंपराओं को समझना चाहिए-उपराष्ट्रपति

सिकंदराबाद।उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने युवा पीढ़ी से भारतीय त्योहारों में निहित समृद्ध और विविध परंपराओं को समझने का आग्रह किया और हमारी असाधारण संस्कृति और लोक कला रूपों को संरक्षित करने, बढ़ावा देने और समृद्ध करने का आह्वान किया।


उन्होंने रविवार को सिकंदराबाद के परेड मैदान में चौथे अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव और द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय मिष्ठान महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि त्योहार सामाजिक जुडाव के लिए अवसर होते हैं और सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय अखंडता की भावना पैदा करते हैं। वे हमारी परंपराओं और विरासत के नवीकरण, कायाकल्प और पुनरुद्धार के प्रतीक हैं और आज की तेजी से भागती दुनिया में एकजुटता, एकता, प्रेम और भाईचारे की भावना लाते हैं।


उन्होंने कहा कि हम ऐसे त्योहारों के दौरान परिवारों और समुदायों के एक साथ आने के प्रत्यक्षदर्शी बनते हैं। ये सामाजिक जुड़ाव के लिए भी अवसर हैं।


फसल त्योहार मकर संक्रांति, जो कि जीवन और उत्साह का जश्न है, का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण त्योहार महान ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है। यह सूर्य देव का त्योहार है जिसे अक्सर देवत्व का प्रतीक और ज्ञान के रूप में माना जाता है।  


उपराष्ट्रपति ने कुछ समय पतंगबाजी में भी व्यतीत किया। श्री नायडू ने कहा कि पतंगबाजी से जुड़ा आकर्षण उम्र, वर्ग और समुदाय से ऊपर है। उन्होंने कहा कि पतंग उड़ाना एक जबरदस्त अनुभव है। यह देखते हुए कि पतंग बनाना एक कला है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसके लिए कौशल, सटीकता, समर्पण और कल्पनाशीलता की आवश्यकता है।