सभी को है सस्ती व सुविधाजनक चिकित्सा की जरूरत: डॉ अनिल अग्रवाल
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर ऑफ इंडिया की छठवीं वार्षिक कार्यशाला संपन्न
इस मौके पर राज्यसभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल ने कहा कि सस्ती और सुविधाजनक चिकित्सा की जरूरत सभी को है। इसलिए सामूहिक रूप से उदारता पूर्वक इसे पाने का प्रयास करना होगा और इसके सभी क्षेत्रों में आपसी तालमेल बिठाना होगा। अन्यथा यह संभव नहीं। दोनों नेताओं ने बारी बारी से सभी पुरस्कृत चिकित्सकों को अवार्ड भी प्रदान किया।
बता दें कि इस द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार और शनिवार को कौशांबी स्थित फाइव स्टार होटल रेडिसन ब्लू में किया गया। जिसकी विधिवत शुरुआत शुक्रवार की सुबह की गई। तब एएचपीआई के डायरेक्टर जनरल गिरधार ज्ञानी ने कार्यक्रम का प्रारंभ गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों के ऊपर हुए हमले में शहीद हुए 44 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए की। साथ ही, आगन्तुकों सहित एक मिनट का मौन भी रखा।
इस कार्यशाला में चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे संस्थानों को अवार्ड भी दिया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह और राज्य सभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल सहित गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की। इसी पुरस्कार समारोह में यशोदा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल कौशाम्बी ने उच्चतर नर्सिंग सेवाओं के लिए श्रेष्ठ अस्पताल का खिताब जीता। इस अवार्ड को यशोदा हॉस्पिटल की नर्सिंग हेड सुश्री रमा छेत्री ने अपनी अन्य नर्सिंग सहयोगियों के साथ जनरल वी के सिंह के हाथों से प्राप्त किया।
इस मौके पर एएचपीआई के यूपी एवं दिल्ली एनसीआर के प्रेसिडेंट डॉ पीएन अरोड़ा ने पेशेंट सेफ्टी अर्थात मरीजों की सुरक्षा एवं हेल्थ केयर के क्षेत्र में क्वालिटी यानी कि गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं भारत के सभी नागरिकों के लिए सुचारू एवं सरलतम रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों का भारत के सुदूर प्रदेशों से कार्यशाला में भाग लेने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यशाला में भारत के चिकित्सा क्षेत्र में आने वाले बदलाव चुनौतियों एवं भविष्य के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यशाला में डॉ देवी शेट्टी, डॉक्टर वाय पी भाटिया, डॉक्टर जी एस ठाकुर, डॉ जे एल मीणा, डॉ विजय अग्रवाल, डॉ राजीव सेठ आदि डॉक्टरों ने भाग लिया। कार्यशाला में आयुष्मान भारत एवं संचारी रोगों की रोकथाम के बारे में भी चर्चा हुई।
इस कार्यशाला में देश के 200 से भी ज्यादा सभी बड़े अस्पतालों के हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, वरिष्ठ प्रबंधक एवं डॉक्टरों ने भाग लिया।