अमर शहीदों के सम्मान में, गाजियाबाद वासी निकले मैदान में'













गाजियाबाद। 'संयोजन-एक सार्थक प्रयास' सामाजिक संस्था द्वारा रविवार को नवयुग मार्केट स्थित शहीद स्थल से जनजागरूकता रैली निकाली गई, जो कि शहर के मुख्य बाज़ार सिहानी गेट, चौपला होते हुये दिल्ली गेट, फिर चन्द्रपुरी होते हुये दुर्गा भाभी चौक पर समाप्त हुई।

इस जनजागरूकता रैली में 'शहीदों को सम्मान दिलाना है, स्मारक वहीं बनाना है', 'शहीदों के सम्मान में, ग़ाज़ियाबाद वासी मैदान में', 'नया बस अड्डा बदलो नाम, शहीद स्मारक रखो नाम', ' अमर शहीदों का अपमान, नहीं सहेंगे-नहीं सहेंगे' जैसे गगनभेदी नारों की पट्टिकायें लिये सैकड़ों की संख्या में शहर के जागरूक नागरिकों ने भाग लिया।

 

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुशवाहा ने बताया कि ग़ाज़ियाबाद में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में हिंडन नदी के किनारे हुये महासमर में शहीद हुये स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में बने स्मारक को मैट्रो स्टेशन बनाने के लिये तोड़ कर शहर से दूर स्थानान्तरित करके अमर शहीदों का अपमान किया गया है। यही नहीं, उसके स्थान पर बनाये गये मेट्रो स्टेश का नाम 'नया बस अड्डा' रखकर शहर ग़ाज़ियाबाद का मज़ाक़ उड़ाया गया है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

 

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता विपिन त्यागी ने आगामी रणनीति के बारे में बताया कि

नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर 'शहीद स्मारक' मेट्रो स्टेशन रखने तथा उपलब्ध स्थान पर

शहीदों का स्मारक बनाए जाने तक यह जन आन्दोलन किसी ना किसी रूप में जारी रहेगा और जनजागरण किया जायेगा।

 

इस रैली के समापन पर दिए अपने सम्बोधन में ग़ाज़ियाबाद लोक परिषद के सचिव हिमांशु लव ने कहा कि मेट्रो के संचालन से पूर्व ही स्टेशन के नाम में परिवर्तन होना चाहिये। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस विषय का संज्ञान लेने का आग्रह किया। ऑल इंडिया पेरेन्ट्स एसोसिएशन के सचिव सचिन सोनी ने भी शहीद स्मारक बनने तक संघर्ष जारी रखने की चेतावनी दी।

 

इस अवसर पर साकेत अग्रवाल, विजय कुमार, प्रभाकर त्यागी, महेश, प्रदीप मलिक, संदीप जयसवाल, भूपेन्द्र नागर, ऐ के तिवारी, डॉ राजेश कालरा, एडवोकेट सुमित,

जितेन्द्र यादव, देवेन्द्र भारती, तौशिक कर्दम, बबलू राघव, संदीप यादव, विनीत गोयल, मनोज यादव, अतुल गर्ग, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।