बिहार के इस वैज्ञानिक बेटे के काम को फोब्स से मिली सराहना


पटना।बिहार के बेटे डॉक्टर उज्जवल वर्मा के काम को फोब्स ने सराहा है। बिहार के इस वैज्ञानिक ने आठ भारतीय एवं फ्रांसीसी युवा कम्प्यूटर वैज्ञानिकों का साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फैशन विशेषताओं को मिलाकर एक शॉपिंग असिस्टेंट सिस्टम तैयार किया है, जो एक बेहतरीन उपलब्धि है। बता दें कि आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में लगातार जागरुकता बढ़ी है। डॉक्टर उज्जवल वर्मा फिलहाल फ्रांस होमसी में लौर मकिया है यह पसंद के रंग, डिजाइन और माप के कपड़ों को चुनने में मदद करेगा। जैसे मोबाइल में विभिन्न ऐप की मदद से पसंद के गाने वीडियोज देखने-सुनने में मदद मिलते हैं, ठीक उसी तरह अब भविष्य में अपनी पसंद के कपड़ों को खोजने और मंगाने में भी आसानी होगी। अब आप ऐप की मदद से कपड़ों के रंग, डिजाइन, माप में समझौता करने से बच सकेंगे। गारमेंट्स बनाने वाली कंपनियां दुनिया भर में डिमांड के मुताबिक कपड़ों का उत्पादन कर पाएंगी, जिससे बेकार कपड़ों में पूंजी कम फंसेगी और कपड़े सस्ते होंगे। फोब्स मैगजीन ने डॉक्टर उज्ज्वल वर्मा की इसी नई खोज को अपने नए अंक में जगह दी है। अपने रिसर्च के बारे में डॉक्टर उज्ज्वल वर्मा ने बताया कि भविष्य में दुकान में सेल्समैन की जगह रोबोट रहेंगे, जो आपकी पसंद के कपड़ों को मिनटों में निकाल देंगे और इससे आपकी खरीदारी का टाइम बचेगा। अलग- अलग दुकानों और अलग-अलग वेबसाइटों पर आपको कपड़ों को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टर वर्मा ने बताया कि यह शॉपिंग असिस्टेंट पांच लाख से अधिक चित्रों के प्रयोग से तैयार किया जाएगा। डॉक्टर उज्जवल वर्मा पेरिस विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद कर्नाटक के मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। हाल ही में उन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर, कंसल्टेंसी और रिसर्च बनाया गया है। पहले भी उज्जवल वर्मा युवा वैज्ञानिक का पुरस्कार प्राप्त कर चुके डॉ। वर्मा अगस्त में रोबोटिक्स, वीएलएसआई और डिस्ट्रब्यूटेड कम्प्यूटिंग पर मणिपाल इंस्टीट्यूट में होने वाले इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के संयोजक भी रहे हैं। डॉक्टर उज्जवल वर्मा के पिता प्रोफेसर आरके वर्मा अभी मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति हैं और पटना विवि में बतौर प्रतिकुलपति पद पर रह चुके हैं।