इस मौके पर जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि अभी तक सम्पत्तियों की नीलामी के लिए जीडीए अपने कैम्प्स में सेमिनार आयोजित करता था, जिसमें एक साथ चार से पांच अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती थी। साथ ही, इस नीलामी में शामिल होने वाले व्यक्ति का पूरा दिन बर्बाद हो जाता था। लेकिन, आज से शुरु हुई ई-ऑक्शन में ऐसी कोई दिक्कत नहीं आएगी और लोग घर बैठे ही इस सुविधा का फायदा उठाकर प्लॉट को खरीद सकेंगे। ई-ऑक्शन के लिए कोई भी व्यक्ति www.gda.procure247.com पर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए एचडीएफसी बैंक के साथ एक करार किया गया है जिससे कोई भी व्यक्ति जीडीए की सम्पत्ति एचडीएफसी द्वारा बनाए हुए पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकता है। क्योंकि जीडीए और एचडीएफसी ने आपस में एक एमओयू साइन किया है। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में एचडीएफसी प्रबन्धन ने इसे आसान बना दिया, जिसके लिए वह बधाई का पात्र है। क्योंकि इस सम्बंध में बात तो कई जगहों पर चल रही थी, लेकिन उनकी प्रणाली जटिल और विलम्बित परिणाम देने वाली थी, जिससे उन्हें वरीयता नहीं दी गई।
उपाध्यक्ष श्री मती वर्मा ने आगे कहा कि प्रारम्भ में इसके तहत 2000 मीटर या उससे बड़े भूखंड को ही इसमें शामिल किया जाएगा। लेकिन निकट भविष्य में ही छोटे प्लॉट्स की नीलामी भी ई-ऑक्शन के माध्यम से ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलवक्त चल रहे ई-ऑक्शन में मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना, कौशाम्बी, वैशाली, इंदिरापुरम योजना के अलावा अन्य कई योजनाओं के बड़े बड़े भूखंड शामिल किए गए हैं, जिनमें स्कूल, हॉस्पिटल, ग्रुप हाउसिंग, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एरिया के भूखंड शामिल हैं।
उपाध्यक्ष श्री मती वर्मा ने आगे बताया कि आगामी 28 फरवरी तक टेक्निकल बिड के लिए नीलामी की जाएगी। फिर टेक्निकल बिड में क्वालीफाई करने के बाद फाइनेंसियल बिड की जाएगी। इसके लिए सम्बन्धित लोगों को सूचित किया जाएगा। अंत में, इसकी नीलामी की जाएगी, जिसमें फाइनेंसियल बिड को क्वालीफाई किया हुआ आवेदक ही इसमें शामिल हो सकता है। इसमें वह प्रोपर्टी का रेट बढ़ाकर भी देने को स्वतंत्र है या फिर पूर्ववत दर पर ही कायम रह सकता है।
इस अवसर पर एचडीएफसी बैंक के जोनल हेड अनिल ने बताया कि उनका बैंक सरकार और ग्राहक के बीच एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म देने में आगे रहता है। अब जिस मोबाइल एप के माध्यम से यह बिडिंग होगी, उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं रहेगा और इस प्रकिया में शामिल होने के लिए जो चार्जेज निर्धारित किए गए हैं, उसका भुगतान करके कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल हो सकता है। इससे जहां जीडीए को अनावश्यक पेपर वर्क करने से मुक्ति मिलेगी, वहीं आम आदमी घर बैठी ही इस ई-ऑक्शन प्रक्रिया में शामिल हो जाएगा। पहले वह नियम व शर्तों का अध्ययन करेगा, फिर अपेक्षित तकनीकी प्रपत्र अपलोड करेगा, जिसके बाद सम्बन्धित विभाग उसकी जांच करेगा। फिर अगली तिथि मिलेगी और जो बिड प्राइस होगा, उस पर टेंडर अवार्ड किया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले ई-ऑक्शन की सुविधा स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के मातहत काम करने वाली कंपनी के साथ चालू होने वाली थी, लेकिन उसमें आवंटियों को हो रहे नुकसान के मद्देनजर उस कम्पनी के साथ करार नहीं किया गया। इस अवसर पर जीडीए और बैंक प्रबंधन के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा मीडिया के लोग उपस्थित थे।