पंचायत स्तर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिये सभी स्तर से प्रयास किये जायें। आमजन का सहकारिता से जुड़ाव को सुदृढ करने के लिये हमें सहकारिता के माध्यम से उनकी आवश्यकता के अनुसार सेवाओं को उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों का कस्टम हायरिंग सेंटर के रूप में डेवलप करें ताकि किसानों की कृषि लागत कम होने के साथ-साथ सहकारी संस्था के लाभ में वृद्धि होगी।उन्होंने कहा कि क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को फल-सब्जी के विक्रय का काम भी करना चाहिये। इससे किसानों के प्रत्यक्ष लाभ में बढ़ोतरी होगी।उन्होंने कहा कि राजफैड द्वारा उत्पादित पशुआहार की गुणवत्ता अच्छी है लेकिन विपणन की रणनीति सही नहीं होने के कारण उसकी किसानों तक पहुंच नहीं बन पा रही है। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र के उत्पाद को एण्ड यूजर तक पहुंचाने के लिये सहकारी संस्थाओं में कड़ी बन्धन को मजबूत किया जाये।समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार, रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन, राजफैड के प्रबंध निदेशक ज्ञाना राम,अतिरिक्त रजिस्ट्रार विजय कुमार शर्मा, जीएल स्वामी, कॉनफैड के प्रबंध निदेशक रायसिंह मोजावत सहित खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, जिलों के उप रजिस्ट्रार सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
