केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आज ई कॉमर्स पालिसी पर एक ड्राफ्ट जारी करने
का कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है ! ड्राफ्ट मेंसभी सम्बंधित वर्गों के सुझाव मांगे गए हैं जिनको भेजने की अंतिम तारीख 9 मार्च है ! कैट एक लम्बे समय
से ई कॉमर्स पालिसी लाने की लगातार मांग कर रही थी औरसरकार पर इसके लिए अच्छा खासा
दबाव भी बनाया हुआ था !
ई कॉमर्स पालिसी के ड्राफ्ट पर पहली नज़र में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष
बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्रीप्रवीन खंडेलवाल ने कहा कीड्राफ्ट स्वागतयोग्य है क्योंकि पहली
बार ई कॉमर्स व्यापार को मान्यता देने के लिए सरकार एक नीति का प्रारूप लाई है ! यह बहुत जरूरी
तहत क्योंकि बड़ी ई कॉमर्सकंपनियों ने भारत के ई कॉमर्स व्यापार को बुरी तरह विषाक्त कर रखा था !
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की ड्राफ्ट में अनेक अच्छे प्रावधान जोड़े गए हैं लेकिन इसके साथ
ही अनेक महत्वपूर्ण विषयों को छोड़ भी दिया गया है जिन परध्यान देने की जरूरत है ! ड्राफ्ट पालिसी से
निश्चित रूप से रिटेल निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और अनेक देशों के साथ व्यापार बढ़ने की सम्भावना है !
ड्राफ्ट में अनेक नएसुझाव भी शामिल किये गए हैं लेकिन कुछ चीज़ों के छूटने से अनेक समस्याओं का
उठना स्वाभाविक है ! ड्राफ्ट पालिसी में एफडीआई के पक्ष को तो ध्यान में रखा गया हैलेकिन घरेलू ई
कॉमर्स कंपनियों के बारे में ड्राफ्ट मौन है जबकि घरेलू ई कॉमर्स कंपनियों को भी इस पालिसी के तहत
आना जरूरी है तभी समान प्रतिस्पर्धा हो सकती है !
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा की पालिसी के लागू करने में सारा दारोमदार सचिवों की
स्थायी समिति अथवा डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन फॉर इंडस्ट्री एंडइंटरनल ट्रेड को दिया गया है जबकि वास्तव
में यह काम एक कमेटी को करना चाहिए जिसमें जनता के प्रतिनिधि और विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हों !
पालिसी ईकॉमर्स व्यापार करने के लिए मजबूत प्लेटफार्म उपलब्ध कराये !
कैट ने एक सर्कुलर जारी कर देश भर के व्यापारिक संगठनों से आग्रह किया है की वो अंतिम तारीख से पहले
अपने सुझाव अवश्य सरकार को भेज दें ! कैट भी सभी से सलाह मशविरा कर सुझावों का बृहद दस्तावेज
तैयार करेगा जो सरकार को दिया जाएगा !