टिकट मिला तो सही, नहीं मिला तो कोई बात नहीं, अन्य अफवाह अनर्गल: बृजपाल तेवतिया







गाजियाबाद। वरिष्ठ भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया ने कहा कि जनपद में बीजेपी का कोई विकल्प नहीं है। लिहाजा, पार्टी जिसे भी टिकट देगी, वह पहले से ज्यादा मतों से यह सीट निकाल लेगा। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी में दस लोग टिकट के दावेदार हैं, जिनमें से मैं भी एक मजबूत और अनुभवी दावेदार हूं। मेरी छवि भी साफसुथरी और कर्मठ कार्यकर्ता की है। इसलिए पार्टी टिकट देगी तो ठीक, और नहीं भी देगी तो भी कोई बात नहीं, क्योंकि पार्टी जिसे भी टिकट देगी, उसी के लिए मैं भी काम करूंगा। क्योंकि मैं सच्चा भाजपाई हूं। साथ  ही जमीनी कार्यकर्ता हूँ। श्री तेवतिया कविनगर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में  वरिष्ठ संवाददाता कमलेश पांडे से बातचीत कर रहे थे।


 

इस सवाल पर कि आपके बारे में जनपद में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं, उनमें कितनी सच्चाई है, के जवाब में श्री तेवतिया ने कहा कि दूसरी पार्टी जो भी लोग इधर उधर की बातें कर रहे हैं, वह मेरी छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो सफल नहीं होंगे। टिकट बंटवारे के बाद उन्हें खुद ब खुद जवाब मिल जाएगा। तब उन्हें अपनी ओछी हरकतों पर निराशा होगी। जोर देकर कहा कि मैं भाजपा का सिपाही हूं। 1980 से ही पार्टी की सेवा कर रहा हूं। टिकट मांगना मेरा अधिकार है। इससे पहले भी मैंने विधानसभा का टिकट मांगा था और नहीं मिलने के बावजूद जिसे भी पार्टी का टिकट मिला, उसी के लिए काम किया और वो विधायक बने। उन्होंने कहा कि 2014 में भी मैं सांसद सह विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह की मदद कर चुका हूं। इसलिए हमलोगों के बीच कोई टिकट प्रतिद्वंद्विता नहीं है, बल्कि आपसी सद्भाव कायम है। उन्होंने यह भी कहा कि 1995 से शहर में महापौर पद पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन मैंने कभी टिकट नहीं मांगा और सबका सहयोग किया। इसलिए पार्टी से यह अपेक्षा जगी है। अब 60 वर्ष के उम्र में भी अपना हक नहीं मांगूंगा तो कब मांगूंगा।

 

श्री तेवतिया ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि गाजियाबाद में बीजेपी की टक्कर किसी से भी नहीं है।यही वजह है कि हमारी पार्टी में 10 लोग टिकट मांग रहे हैं, जबकि महागठबंधन को उम्मीदवारों का टोटा पड़ा हुआ है। क्योंकि बसपा-सपा के बीच हुआ महागठबन्धन वाकई महाठगबन्धन करार दिया जा रहा है, क्योंकि इस गठबंधन में दोनों दलों के दो शीर्ष राजनेताओं का सियासी स्वार्थ मिला है, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं का दिल कभी नहीं मिलेगा। बसपा नेत्री मायावती से सम्बंधित गेस्ट हाउस कांड आज भी बसपा कार्यकर्ताओं की जेहन में हैं। हाल में ही आई मुलायम सिंह यादव की महागठबंधन विरोधी टिप्पणी से भी सबकुछ लोग समझ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि जहां पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री का पद एक ही परिवार के पास रहेगा, उससे क्या होगा समझना आसान है। वह चुनावी रेस से बाहर है। गाजियाबाद में उसका कोई जनाधार नहीं है।

 

जब श्री तेवतिया से यह पूछा गया कि आपकी जीत का आधार क्या होगा? स्थानीय समीकरण कैसे आपके पक्ष में बनेगा? तो छूटते हुए कहा कि हमारी जीत का आधार पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा करवाया गया देशव्यापी कार्य बनेगा, क्योंकि उन योजनाओं को पार्टी कार्यकर्ता की हैसियत से मैंने भी यहां घर घर तक पहुंचवाया है। चाहे जिस भी योजना की आप चर्चा कर लें, उससे गाजियाबाद वासी पूरी तरह से संतुष्ट हैं। इसके अलावा, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की संगठनात्मक कार्यक्षमता से भी जनपद के बूथ बूथ पर पार्टी मजबूत हुई है। स्वाभाविक है कि बीजेपी प्रत्याशी को इन सबका सामूहिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेरी स्थानीयता, मेरी छवि, मेरा सर्वजातीय व सर्ववर्गीय जनाधार मुझे मेरे मुकाम तक पहुंचाएगा, यदि पार्टी का विश्वास हासिल करने में मैं सफल रहा तो। आगे जनता जनार्दन की इच्छा सर्वोपरि है।