स्थानीय प्रशासन को क्लीनचिट देते हुए उन्होंने कहा कि किसी को हतोत्साहित या प्रोत्साहित करना उनका मकसद नहीं है, बल्कि सबके साथ उचित तालमेल बिठाकर पीड़ितों को न्याय दिलवाना और दोषियों को सजा दिलवाना ही उनका मुख्य मकसद है जिसमें उन्हें विगत छह महीने में कामयाबी मिली है। उन्होंने आगे बताया कि डायल 181 आशा ज्योति केंद्र की नियमित समीक्षा के सिलसिले में वो गाजियाबाद पहुंची हैं और सम्बन्धित अधिकारियों से विचार विमर्श करके मामले में समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। क्योंकि औसतन 10-15 शिकायतें आशा ज्योति केंद्रों को मिल रही हैं और 8-10 शिकायतों का निपटारा भी किया जा रहा है। इसी वास्ते प्रत्येक जनपद में पहले और तीसरे बुद्धवार को इस सम्बन्ध में नियमित सुनवाई भी हो रही है जिसके अच्छे परिणाम पीड़ित महिलाओं को मिल रहे हैं।
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने कहा कि महिलाओं अथवा बच्चियों को अपने परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके साथ घटित होने वाली अधिकांश घटनाओं में परिचितों का ही हाथ सामने आते हैं। खासकर सोशल मीडिया पर उपलब्ध अपरिचित व्यक्तियों से तो कभी भी अपनी या अपने परिवार की गोपनीय जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं जानकारियों का वे फायदा उठाते हैं। अब तफ्तीश में भी ये बातें खुलकर सामने आ रही हैं, इसलिए सम्बन्धित महिलाओं और बच्चियों को इस दिशा में खास सावधानियां बरतनी होंगी।
उपाध्यक्ष श्री मती सिंह ने कहा कि योगी सरकार में महिलाओं का आत्मविश्वास लौटा है और अब वो दोषियों के खिलाफ ज्यादा मुखर हो रही हैं। उन्होंने कटाक्ष किया कि सपा और बसपा की पूर्व सरकारों से जुड़े लोगों के पास महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों में संलिप्त होने के बावजूद भी बचते रहने या बच जाने के बहुत सारे जरिये हैं, लेकिन योगी सरकार किसी को बख्शने वाली नहीं है।प्रशासन का उचित प्रयोग करके वह ऐसे तत्वों को बेनकाब करेगी और दोषियों को सजा दिलाने की कोशिश पूरी ईमानदारी के साथ करेगी।