भरोसा कायम करने के लिए पाकिस्तान को अभी बहुत कुछ करने की है जरूरत: जनरल वी के सिंह







गाजियाबाद। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एवं पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि पाकिस्तान सरकार हमारे विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को रिहा कर रही है। लेकिन इस पड़ोसी देश को विश्वास बहाली के लिए अभी ‘बहुत कुछ’ करने की आवश्यकता है। विदेश राज्य मंत्री श्री सिंह शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र ‘समुचित कदम’ उठा रहा है और ऐसे कदमों का खुलासा नहीं किया जाता है। उन्होंने यह बात तब कही जब पत्रकारों ने उनसे भारत एवं पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर केंद्र के अगले कदम के बारे में पूछा था। 

 

श्री सिंह ने आगे कहा कि जिनेवा संधि के अनुसार कई चीजें की गयी हैं। जिसके तहत ही उन्हें रिहा किया जा रहा है जिसकी मुझे खुशी है। यदि वे इसे शांति सद्भाव के तौर पर बता रहे हैं तो हमें इस बात की भी खुशी है लेकिन पाकिस्तान को अपना भरोसा बहाल करने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। 

 

बता दें कि अभिनंदन को बुधवार को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया था और उन्हें शुक्रवार को रिहा किया गया। उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की मेजबानी में हो रही ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर श्री सिंह ने कहा कि यह कुरैशी की सोच है। वह जो चाहते हैं उन्हें वह करने दीजिए।उल्लेखनीय है कि कुरैशी ने शुक्रवार को घोषणा की कि समूह ने उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया है, जिसे उन्होंने रद्द नहीं किया, इसलिए वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। 

 

हालांकि पाकिस्तान में भारत के हवाई हमले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री सिंह ने कहा, ‘ऐसे कई लोग हैं जिनके पास कोई काम नहीं है।’ बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर भारतीय वायुसेना के अचानक हमले में बहुत अधिक क्षति नहीं होने को लेकर विदेशी मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि, ‘वायुसेना को तथ्यों के साथ आने का एक मौका दिया जाना चाहिए।’

 

इसके अलावा, दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध पर श्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को दिया गया एमएफएन (सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र) का दर्जा पहले ही वापस लिया जा चुका है। इससे वहां से आयातित सामान महंगा हो जाएगा और जाहिर है लोग महंगा सामान नहीं खरीदना चाहेंगे।