एयर सर्जिकल स्ट्राइक पर देश में महासंग्राम

भारत में एयर सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सियासत शुरू हो गई है। पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर चुनावी लाभ लेने के आरोप लगाकर सियासत को गरमा दिया है।
26 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पीओके और पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर हवाई हमला किया और उसके सारे कैंपों को तबाह कर दिया। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 के 12 जेट ने पीओके और पाकिस्तान के बालाकोट में जाकर हवाई हमले किए जिसे एयर स्ट्राइक का नाम दिया गया। मीडिया रिपोर्टों में 250 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबरे बताई जा रही है। हालाँकि सेना के आतंकियों के मारे जाने के कोई आंकड़े तो जारी नहीं किये मगर अनेक आतंकियों के मारे जाने की बात अवश्य कबूल की।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में न सिर्फ 300 आतंकवादी मारे गए हैं, बल्कि इसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का बहनोई यूसुफ अजहर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था। भारतीय वायुसेना ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लिया. इतना ही नहीं, करीब 1000 किलो बम भी बरसाए गए। पाकिस्तानी सीमा में आतंकी कैंप पर हमले के बाद भारत सरकार ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘हमलों को रोकने के उद्देश्य से ऐहतियात के तौर पर अंजाम दिया गया। सरकार ने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था. इसके चलते यह आसान निशाना बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया।
वायु सेना प्रमुख धनोवा ने सोमवार को एयर स्ट्राइक पर अपने बयान में कहा की हमने अपना लक्ष्य हासिल किया है। कितने लोग इसमें मारे गए यह गिनना हमारा काम नहीं है। हमने आतंकी ठिकानों को नष्ट कर अपना टारगेट प्राप्त किया है। इससे पहले 14 फरवरी को पुलवामा में हुए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थें। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थति आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। भारत ने इसके अगले दिन ही सेना को खुली छूट देने की बात कही थी और पाकिस्तान से मोस्ट फेवरेट नेशन दर्जा वापस ले लिया था.इसके बाद घाटी में हुए सर्च ऑपरेशन में जैश के कई आतंकवादी मारे गए थें। 26 फरवरी की रात में वायु सेना ने अपने असैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट स्थति आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को ध्वस्त कर दिया था। भारत की इस कार्रवाई का अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस सहित पूरी दुनिया ने समर्थन किया।
एयर स्ट्राइक को लेकर देश और विदेशों में विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आयी। पाकिस्तान ने इसे पूरी तरह नकार दिया। सत्तारूढ़ भाजपा ने एयर स्ट्राइक के तत्काल बाद इसे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में जोर शोर से प्रचारित करना शुरू कर दिया तो विपक्ष ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया। शुरू में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी सहित विपक्ष के नेताओं ने इसकी सराहना की मगर कुछ दिन बाद ही इसके सबूत मांगे जाने लगे। इसी बीच पाक ने भारत पर हवाई हमले का प्रयास किया जिसका भारत ने मुंह तोड़ जवाब दिया जिसमें भारत का एक विंग कमांडर अभिनन्दन पाक के कब्जे में आ गया जिसे भारत सरकार में अपने कूटनीतिक प्रयासों से रिहा करवाने में सफलता हासिल की। भाजपा ने इसे अपने पक्ष में भुनाना शुरू किया तो विपक्ष ने आपत्ति की। इसी दौरान पहले ममता और बाद में कांग्रेस के नेताओं ने एयर स्ट्राइक और आंकड़ों पर सबूत मांगने शुरू कर दिए जिस पर महा संग्राम छिड़ गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसी दौरान 250 आतंकियों के मारे जाने का दावा ठोंक दिया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कपिल सिब्बल आदि ने इसके सबूत मांगे तो रार शुरू हो गयी जिसमें प्रधान मंत्री मोदी भी कूद पड़े। मोदी ने पटना और अमेठी की जनसभाओं में आरोप लगाया की विपक्ष की बातों पर पाक में तालियां बज रही है। मोदी ने विपक्ष को एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने पर घेरा और आरोप लगाया विपक्ष ने पाक में तालिया बजवा कर भारत की सेना का मनोबल तोड़ने का काम किया है।
दूसरी तरफ आतंकी सरगना मसूद अजहर की मौत की खबरे भी प्रसारित हो रही है जिसकी पाक ने पुष्टि नहीं की है।