गाजियाबाद के दो स्कूलों के सामने अभिभावकों ने किया शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन







गाजियाबाद। जिला विद्यालय निरीक्षक के हस्तक्षेप के बाद भी जनपद के कुछ स्कूलों और उनके यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का विवाद अभी नहीं थमा है। कुछेक मसलों को लेकर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद सन वैली स्कूल, वैशाली के अभिभावक जिस तरह से धरने पर बैठे हैं और स्थानीय पुलिस जिस तरह से उन्हें रोकने में विफल प्रतीत हुई है, उससे पूरे सिस्टम पर कुछेक ऐसे सवाल उठे हैं, जिसका जवाब तलाशने में प्रशासन के साथ साथ विद्यालय प्रबंधन और गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी हलकान नजर आ रहे हैं। अभिभावकों ने धमकी दी है कि शुक्रवार को भी स्कूलों ने यदि टीसी काटी और बच्चों को विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया तो  जिलाधिकारी के कार्यालय पर बच्चों सहित भूख हड़ताल करेंगे।

 

जानकारों के मुताबिक, भले ही यह विवाद कोर्ट पहुंच चुका है, कुछेक प्रशासनिक दिशा निर्देश भी मिल चुके हैं, लेकिन उसे मानने और उसपर अमल करने के बजाय जिस तरह से विद्यालय प्रबंधन ने कोर्ट की शरण ले रखी है, और उसकी आड़ लेकर फीस वसूली के नजरिये से जिस तरह से स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न करने पर उतारू है, और इसका विरोध करने वाले अभिभावकों के साथ जो बदसलूकी की जा रही है, उससे पूरी शैक्षणिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि इस पर लगाम लगाने में प्रशासन भी अक्षम साबित हो रहा है।

 

बता दें कि जनपद में गत वर्ष हुई अप्रत्याशित फीस बढ़ोतरी और उसे चुकाने में असमर्थ अभिभावकों की गोलबन्दी के मद्देनजर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन सक्रिय हुआ और विद्यालय प्रबंधन तथा जिला प्रशासन से बातचीत करके समस्या का निराकरण करना चाहा। लेकिम बात नहीं बनी। क्योंकि प्रबन्धन की अपनी कमजोरियां हैं और अभिभावकों की अपनी अपनी आर्थिक दुश्वारियों के बीच बच्चों को अच्छे अच्छे स्कूलों में पढ़ाने की महत्वाकांक्षाएं। इस बीच राज्य सरकार ने कुछ कानूनी प्रावधान भी तय कर दिए। और उसी आधार पर जनपद प्रशासन ने कुछेक सर्कुलर भी जारी कर दिए। लेकिन कुछ विद्यालय प्रबन्धक कोर्ट चले गए, क्योंकि उन्हें यह एहसास है कि मामला लम्बा खींचेगा और अभिभावक बच्चों के करियर के खातिर हथियार डाल देंगे। लेकिन महानगरों के प्रबुद्ध नागरिक भी हार नहीं मानने को उतारू हैं और चुनावी मौसम के बावजूद शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है, जिसकी गाज यदि सत्ताधारी दल पर गिर जाए तो हैरत की बात नहीं होगी।

 

इधर, धरनार्थियों से निबटने के लिए विद्यालय प्रबंधन पूरी फीस जमा नहीं करने वाले अभिभावकों के बच्चों की टीसी काटने पर उतारू है, जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक भी स्कूलों को इस मसले पर संयम बरतने और सूझबूझ से काम लेने और गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के लोगों से बातचीत करके समस्या सुलझाने को कहा है। लेकिन विद्यालय प्रबंधन कोर्ट का निर्णय मानने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ ले रहा है। साफ है कि बच्चों को टीसी काटने की मिल रही धमकी के बीच हुई कुछ कार्रवाई से जनपद प्रशासन की भूमिका भी असहाय नजर आ रही है। 

 

आलम यह है कि थाना इंदिरापुरम के अंतर्गत चौकी यूपी गेट इंचार्ज एक तरफ धरनार्थियों को उनके धरना प्रदर्शन से नहीं  हटवा पा रहे हैं, जबकि चुनाव आचार संहिता का पालन करवाना भी उनके लिए जरूरी है। क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में धरना प्रदर्शन की मनाही होती है। पुलिस का कहना है कि स्थिति नहीं बिगड़े, इसलिए वह बल प्रयोग करना नहीं चाह रही है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन को वह उग्र भी नहीं बनाना चाहती। हालांकि, उठते कई सवालों के बीच अब यह चुनाव आयोग के भेजे प्रेक्षक पर निर्भर है कि वह लोग इस बात का संज्ञान लेंगे या नहीं, देखना दिलचस्प रहेगा।

 

गौरतलब है कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा फोन करने के बाद भी चिल्ड्रेन एकेडमी स्कूल, विजय नगर और सन वैली स्कूल, वैशाली ने आदेश को दरकिनार कर दिया। एक तरफ चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल, विजयनगर ने आज सुबह बच्चों को स्कूल के अंदर लेने के बाद भी सभी बच्चों को क्लास में ना बैठा कर बच्चों को लॉबी में  बैठा दिया औऱ कहा कि आप अपने बच्चों को ले जा सकते हैं, आपके बच्चों की टीसी काट दी गई है, जबकि सभी अभिभावकों की फीस जमा है। लेकिन स्कूल ने पेरेंट्स पर पिछले सत्र में प्रोटेस्ट करने का आरोप लगाया है और इसी आधार पर टीसी देने की बात अभिभावकों को कह रहा है। इसलिए अभिभवकों ने इस बात की सूचना गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को दी। उसके बाद एसोसिएशन के पदाधिकारी पुलिस की मौजूदगी में  स्कूल प्रशासन से बातचीत की, जिस पर स्कूल प्रशासन ने शाम 6 बजे तक का समय मांगा था, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई नई पहल नहीं हुई बताई गई है।

 

उधर, एकजूट अभिभावकों ने कहा कि अगर कल शुक्रवार को स्कूल बच्चों की टीसी काटता है, या फिर बच्चों को प्रवेश पर रोक लगाता है तो सभी अभिभावक बच्चों सहित जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी के कार्यलय पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इधर, सन वैली स्कूल, वैशाली  के अभिभावक भी समाचार लिखे जाने तक धरने पर बैठे हुये हैं, क्योंकि स्कूलों की मनमानी अनवरत जारी है।