गौशालाओं का अनुदान बढ़ाने पर जल्द होग फैसला: मुख्यमंत्री

                                 प्रथम राज्य स्तरीय गौरक्षा सम्मेलन
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी पिछली सरकार ने गौवंश के संरक्षण के लिए गौसेवा निदेशालय बनाया। इसके पीछे हमारी पवित्र भावना गौवंश की सेवा थी। उन्होंने कहा कि गौवंश के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए गौशालाओं को प्रति गौवंश जो अनुदान अभी सरकार देती है, वह गायों के लिए पर्याप्त नहीं है, इस बात का अहसास मुझे व मेरी सरकार को है। हमारी सरकार जल्द ही परीक्षण कर इस पर फैसला करेगी कि कैसे प्रदेश में गौशालाओं का अनुदान बढाया जाये। गहलोत जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में पहले राज्य स्तरीय गौरक्षा सम्मेलन में प्रदेशभर से आए गौशाला संचालकों,उनके प्रतिनिधियों तथा गौसेवक संत-महात्माओं को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि गौशालाओं को इस साल की पहली तिमाही का अनुदान जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। इस संबंध में वित्त विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही सूखा प्रभावित जिलों में जल्द ही चारा डिपो खोले जाएंगे।गोचर भूमि पर पहला हक पशुधन का मुख्यमंत्री ने कहा कि गोचर भूमि पर पहला हक पशुधन का है। पशुधन को चारे की कमी नहीं हो इसके लिए सरकार गोचर एवं चारागाह भूमि के संरक्षण का पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से 2013 के समय हमारी सरकार ने गौवंश के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए देश में पहली बार गौसेवा निदेशालय की स्थापना की थी तथा गौशालाओं को 125 करोड़ का वार्षिक अनुदान दिया था।असहाय और अपंग गौवंश के लिए 25 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और उसमें 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना गया है। राज्य सरकार गौवंश के संरक्षण एवं संवद्र्धन का हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों तथा समाजसेवियों का आह्वान किया कि वे गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं गौवंश के संरक्षण में सरकार का सहयोग करें। समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ गौशाला के रूप में रावचा
नाथद्वारा की आदर्श गौपालन एवं संरक्षण केन्द्र के प्रबंधकलक्ष्मीकांत शर्मा को प्रथम पुरस्कार के रूप में 21 हजार रूपये एवं प्रशस्ति पत्र,
मरूधर केसरी जैन गौशाला ट्रस्ट कुशालपुरा (पाली) के व्यवस्थापक नेमीचंद सिंघवी को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रूपये एवं प्रशस्ति पत्र
तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में दौसा के मण्डावर की राम कबीर पीठ भागवत गौसेवा के अध्यक्ष स्वामी प्रेमदास आचार्य को 11 हजार रूपये एवं प्रशस्ति
पत्र प्रदान किए।