हैण्डलूम उत्सव शनिवार को अंतिम दिन, महिलाओं का आ रहा है खास पसंद

जयपुर। राजस्थान का हस्तशिल्प अपने रंगसंयोजन, गुणवत्ता और परंपरागत वेजिटेबल रंगों के उपयोग के कारण बेजोड है। यहां चौमू हाउस स्थित चौमू कोठी में आरएसडीसी के हैण्डलूम उत्सव में हथकरघा के सरंक्षण और संवद्र्धन के लिए राजस्थान सरकार द्वारा समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। जयपुरराइट््स द्वारा तीन दिवसीय हैण्डलूम उत्सव को सराहा जा रहा है। शनिवार को तीन दिवसीय हैण्डलूम उत्सव का अंतिम दिन है। आयकर आयुक्त रोली सिंह ने आज हैण्डलूम उत्सव का अवलोकन किया और उत्पादों की सराहना की। डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया किहैण्डलूम उत्सव में प्रदेश के जाने माने व जरुरतमंद बुनकरों, दस्तकारों, ब्लॉक प्रिन्टरों, बंधेज बुनकरों व कारीगरों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन व बिक्री के लिए नि:शुल्क स्थान उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में हथकरघा उत्पादों को लोकप्रिय बनाने, हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित कर बाजार उपलब्ध कराने और जयपुरवासियों तक हथकरघा उत्पादों की सहज पहुंच बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 30 प्रतिशत की विशेष छूट दी गई। आरएसडीसी के महाप्रबंधक नायाब सिंह ने बताया कि प्रात: 11 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित इस उत्सव में कोटा डोरिया, जरी, प्रिन्टेड साडियां, लहरिया, मोठडी साडियां, सिल्क, चंदेरी, महेश्वरी, ब्लाक प्रिन्टेड साडियां, कोटा डोरिया, जरी व प्रिन्टेड दुपट्टे, रिब रंगीन, बेडकवर्स, बेडशीट्स, दोहर, खेस, दरियों के साथ ही लेडीज एवं जेन्टस के हथकरघा गारमेंट्स, पाली की जूतियां भी प्रदर्शित और बिक्री की गई। हैण्डलूम उत्सव में खासतौर से महिलाओं ने ड्रेस मेटेरियल और परंपरागत रंगसंयोजन को पसंद किया और अच्छा रेस्पांस देखने को मिला।