प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट का कारण खाना बनाते वक्त रसोई गैस सिलिंडर में लगी आग के चलते अचानक हुआ विस्फोट है, जिससे मकान ढह गया और लोग मलबे में दब गए, जिन्हें काफी मशक्कत से बाहर निकाला गया। हालांकि जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, वैसे ही राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम और दमकल विभाग की टीम सक्रिय हो गई। फिर कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे पति-पत्नी और एक बच्चे को बाहर निकाला गया।
गौरतलब है कि वाजिद नामक शख्स अपनी पत्नी रजिया और बेटा ओवेश के साथ विजय नगर कॉलोनी में बने ईडब्ल्यूएस के चार मंजिला फ्लैटों में नीचे के मकान नम्बर ई 520 में रहते हैं। जबकि, इनके ऊपर वाले ई 516 नम्बर फ्लैट में योगेश नामक शख्स परिवार सहित रह रहा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि नीचे के मकान में वाजिद के घर में गैस पर खाना बनाया जा रहा था। इसी दौरान गैस का सिलेंडर लीक हो गया, जिसके बाद सिलेंडर में आग लग गई। ततपश्चात घर के लोगों ने आग को बुझाने का प्रयास किया। लेकिन देखते ही देखते पूरा सिलेंडर आग की चपेट में आ गया और जोरदार धमाका हुआ जिससे घर में मौजूद लोग बाहर निकल नहीं पाए।
पड़ोसियों का कहना है कि जिस वक्त जोरदार धमाका हुआ तो लोग समझ नहीं पाए कि आखिर यह आवाज कहां से आई, लेकिन जब मकान के गिरने की आवाज आई तो लोग चौकन्ना हुए और मौके की ओर दौड़े तथा पुलिस को सूचित किया। लोगों का कहना है कि यहां पर बने मकान काफी पुराने हैं, जिनकी हालत जर्जर है। इस कारण भी ऊपर वाला फ्लैट गिर गया। उधर, इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। क्षेत्राधिकारी धर्मेंद्र चौहान ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि खाना बनाते वक्त गैस के सिलेंडर में आग लग गई, जिसके कारण गैस का सिलेंडर फटा और दोनों फ्लैट गिरे। उन्होंने यह भी बताया कि इस हादसे में वाजिद, उनकी पत्नी रजिया और बेटा ओवेश की हालत गंभीर है, जिन्हें जीटीवी अस्पताल में भेजा गया है। फिर मौके से मलबा हटाया गया।