प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिरमौर बनाएंगे: गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सिरमौर बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की बढ़ती हुई आबादी और बडे क्षेत्रफल को देखते हुए 20 साल पहले हमारी सरकार ने ही प्रदेश में मेडिकल और तकनीकी शिक्षा के द्वार निजी क्षेत्र के लिए खोले थे। इससे प्रदेश के युवा जो मेडिकल एवं तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर जाते थे, उन्हें यहीं उच्च स्तरीय शिक्षा मिल रही है।गहलोत राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 500 बैड के राजकीय अस्पताल के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस 500 बैड के अस्पताल के शुरू होने से जयपुरवासियों सहित प्रदेशभर के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक विस्तार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी पिछली सरकार के समय प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया था। लेकिन पिछले 5 वर्षों में केवल 5 मेडिकल कॉलेज ही शुरू हो सके। हम अब शेष स्थानों पर भी मेडिकल कॉलेज शुरू करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं धन अर्जित करने का जरिया नहीं बल्कि सेवा का माध्यम हैं। निजी अस्पतालों से सरकार की अपेक्षा है कि वे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं तो उपलब्ध कराएं, साथ ही उपचार की दरें भी आमजन की पहुंच के अनुसार रखें। गहलोत ने कहा कि हमने पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना शुरू की थी। जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस योजना को सराहा और देश के करीब 18 राज्यों की सरकारों ने इस योजना का अध्ययन किया और कुछ राज्यों ने इसे लागू भी किया है।  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री रघु शर्मा ने कहा कि दूरदर्शी सोच के कारण ही आज राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। मुख्यमंत्री ने सरकार बनने के बाद लेखानुदान में नि:शुल्क दवा योजना का दायरा बढाकर आमजन को राहत प्रदान की है। अब नि:शुल्क दवा योजना से कैंसर, हृदय रोग, श्वास और किडनी के रोगियों को भी लाभ मिलेगा।